अंबाला : शनिवार की दोपहर को अचानक से शहर में कुछ झटके से लगने शुरू हुए। ऐसे में किसी ने सोचा कि उन्हें चक्कर आ रहे है तो कोई बोला यार, आज तो मैनें पी भी नहीं है। ऐसा ही कुछ वाक्या उस समय देखने को मिला जब नेपाल और दिल्ली समेत अन्य जगह आए भूकंप के झटके अंबाला में भी महसूस किए गए। एक स्कूल में तो यह हुआ कि कुछ टीचर बैठे थे। जब भूकंप के कारण उनकी कुर्सियां हिलने लगी तो सब टीचर एक कमरे में बैठे एक दूसरे के मुंह ताकने लगी।
ऐसे में एक टीचर ने अन्य टीचरों से कहा कि यार इस स्कूल की तो बिल्डिंग की कंडम हो चुकी है। इसका कोई भरोसा नहीं है कब क्या हो जाए। लेकिन जैसे ही कुछ देर बाद उन्हें स्कूल में पता चला कि अंबाला में भूकंप के झटके लगे है तो उनके पैरों नीचे से जैसे जमीन ही निकल गई हो। वहीं बस स्टैंड के पास कुछ युवकों ने कहा कि यार आज तो मैंने दिन में पी भी नहीं है तो मुङो झटके क्यों लग रहे है। वहीं एक जगह ग्रुप में खड़े कुछ लोग बोले की यार मुङो चक्कर आ रहे है। हालांकि अंबाला में भूकंप के झटकों की गति ज्यादा तेज नहीं थी, जिसके कारण कोई जान माल होने की सूचना नहीं है।
ट्रेनिंग देने की जरूरत है
अंबाला शहर दुर्गा नगर निवासी नवनीत धीमान ने बताया कि जिस तरह से बिहार में भूकंप से नुकसान हुआ है। इससे सबक लेते हुए इससे निपटने के लिए लोगों इससे निपटने के लिए ट्रेनिंग देने की जरूरत है।
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