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Thursday, 23 April 2015

मिड डे मील के झंझट से मुक्त होंगे शिक्षक, निजी एजेंसी संभालेगी काम

** शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों उपायुक्तों से मांगी है सलाह 
फतेहाबाद : सरकारी स्कूलों में मिड डे मील बनाने के झंझट से अब शिक्षकों को मुक्ति मिलने वाली है। शिक्षा विभाग मिड डे मील के काम को एक निजी एजेंसी को देने का मन बना रहा है। बाकायदा इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों उपायुक्तों से प्रस्ताव सलाह भी मांगी है। उम्मीद गर्मी के अवकाश के बाद स्कूलों में मिड डे मिल बनाने का काम एजेंसी ही करेगी। इस पर इस माह के अंत तक फैसला होने की पूरी संभावना है। 
शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को मंगलवार को एक पत्र जारी कर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील का कार्य निजी एजेंसी को देने पर चर्चा की गई है। इसमें शिक्षा अधिकारियों के अलावा उपायुक्तों से इस बारे में राय मांगी गई है कि यह सिस्टम ठीक रहेगा या नहीं। वहीं प्रस्ताव भी मांगा गया है कि यदि संबंधित जिले में निजी एजेंसी के जरिए मिड डे मील का काम कराना है तो रिपोर्ट भेजें। 
गुड़गांव कुरुक्षेत्र में काम कर रही संस्था 
इस पत्र में शिक्षा विभाग के महानिदेशक की ओर से निजी एजेंसी इस्कॉन फूड रिलीफ फाउंडेशन को देने के विचार बारे बताया गया है। एजेंसी वर्तमान समय में प्रदेश के गुड़गांव कुरुक्षेत्र जिले के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील निर्माण, वितरण प्रबंधन बारे काम कर रही है। विभाग के अधिकारियों एक बैठक में उक्त एजेंसी के काम को ठीक बताते हुए पूरे प्रदेश में काम देने का प्रस्ताव भी आया। जिसके बाद अब विभाग ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है। 
हम पहले से ही मांग करते आए हैं
"संघ शुरू से मांग करता रहा है कि शिक्षकों को किसी तरह के गैर शैक्षणिक कार्य में लगाया जाए। इसे लेकर बीती 30 दिसंबर को सीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया था। विभाग यदि मिड डे मील का काम एजेंसी को देता है तो बेशक शिक्षक इससे मुक्त होंगे। वह पढ़ाने की ओर ध्यान दे सकेंगे।"-- विकास टूटेजा, जिला प्रधान, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ। 
प्रस्ताव मांगा गया है, जल्द होगा निर्णय: डीईईओ 
"शिक्षा विभाग की एक बैठक में इस पर चर्चा हुई थी। गुड़गांव कुरुक्षेत्र में इस्कॉन नामक एजेंसी काम भी कर रही है। इसे लेकर हमने भी प्रस्ताव भेजा है कि एजेंसी को काम देने के बाद शिक्षक मुक्त हो जाएंगे। मिड डे मील की जिम्मेदारी एजेंसी की हो जाएगी तो बेहतर ही होगा।"-- यज्ञदत्तवर्मा, डीईईओ, फतेहाबाद।
शिक्षक हो जाएंगे फ्री
इस प्रस्तावित योजना से यहां शिक्षकों को लाभ होगा वहीं मिड डे मील बनाने के लिए रखी गई कुक का रोजगार भी छीनने की पूरी संभावना है। चूंकि अब तक सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल के प्रबंधन, वितरण का काम स्कूल के एक शिक्षक को बतौर इंचार्ज संभालना पड़ता है। गैस सिलेंडर से मिड डे मील बनाने के निर्देश के बाद काम और बढ़ गया है। ऐसे में एक स्कूल में एक अध्यापक मिड डे मील में ही उलझा रहता है। एजेंसी के पास काम चले जाने के बाद शिक्षकों को इस काम से मुक्ति ही मिल जाएगी। फिर यह शिक्षक पढ़ाने का काम करते रहे थे। शिक्षक वर्ग शुरू से ही मिड डे मील के काम से निजात देने की मांग करता रहा है। इससे कहीं कहीं स्कूलों में स्टाफ की कमी से निजात मिलेगी। यह निर्णय लाभदायक साबित हो सकता है।                                                                              db

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