फरीदाबाद : सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए सरकार सेवानिवृत्त शिक्षकों के अनुभव का फायदा लेगी। विद्यार्थियों को रचनात्मक कार्यो से जोड़ने तथा पठन-पाठन संबंधी कमियों को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त शिक्षक अहम भूमिका निभाएंगे। सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य, मुख्याध्यापक तथा अध्यापक इस कार्य के लिए सप्ताह में दो बार स्कूलों में जाएंगे। राज्य के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता तथा फोरम आफ सीनियर सिटीजन्स इन एजुकेशन की हाल ही में हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। राज्य के शिक्षा विभाग के सेवानिृवत्त शिक्षकों के संगठन फोरम आफ सीनियर सिटीजन्स इन एजुकेशन ने शिक्षा विभाग को सरकारी स्कूलों के स्तर को सुधारने तथा विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास के लिए प्रस्ताव बना कर भेजा था। इसे मंजूरी देते हुए फोरम को गतिविधियां शुरू करने को कहा गया है। नए शैक्षणिक सत्र में फोरम के दो सेवानिवृत्त शिक्षक सप्ताह में दो बार सरकारी स्कूल जाएंगे। फोरम सरकारी स्कूलों की सुविधाओं संबंधी समस्याओं को हल कराने में मदद करेगा। फोरम ने जिला फरीदाबाद में 80 सदस्य बनाए हैं, जो बतौर सलाहकार सरकारी स्कूलों में जाएंगे। फोरम में कई शिक्षक निजी स्कूलों के हैं, जो सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के मामले में सहयोग करेंगे। फोरम के जिला प्रधान रामफूल सिंह भाटी के मार्गदर्शन में जल्द ही स्कूलों में गतिविधिया शुरू की जाएगी।
कक्षा प्रबंधन दुरुस्त करेंगे
"हमारा प्रयास स्कूलों में कक्षा प्रबंधन को दुरुस्त करना तथा वातावरण में सुधार लाना है। इसके लिए बच्चों के साथ शिक्षकों को भी बेहतर करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। स्कूलों में विकास में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए विभाग के बड़े अधिकारियों से भी संपर्क किया जाएगा। फोरम की टीम स्कूलों में जाकर बच्चों को नैतिक शिक्षा के महत्व से अवगत कराएगी। घर-परिवार, देश व समाज के लिए उपयोगी कार्यक्रमों से बच्चों को जोड़ा जाएगा।"-- केएल मक्कड़, संस्थापक, जिला फरीदाबाद फोरम यूनिट तथा सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.