** हाईकोर्ट ने गेस्ट फैकल्टी एसोसिएशन के सदस्यों की याचिका पर दिया फैसला, छुट्टियों के दौरान भी मिलेगा वेतन
हिसार : स्थायी भर्ती होने तक जीजेयू गेस्ट टीचरों को नहीं हटा सकेगी। यही नहीं यूनिवर्सिटी को इन टीचरों को छुट्टियों के दौरान भी वेतन देना होगा। यह फैसला गेस्ट टीचरों की एसोसिएशन की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अजय तिवारी की अदालत ने दिया है। इस संबंध में जीजेयू की कान्ट्रेक्ट फैकल्टी एसोसिएशन के 52 सदस्यों ने 21 अप्रैल को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि ये लोग कई सालों से जीजेयू में अनुबंधित शिक्षक के रूप में काम करते हैं और एक नियमित शिक्षक की तरह सभी योग्यताओं को पूरा करते हैं।
विश्वविद्यालय हमें एक साल के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्ति देता है। परंतु नियमों कानूनों की अवहेलना करते हुए हमें ढाई माह की छुट्टियों के दौरान रिलीव कर दिया जाता है। इस दौरान उन्हें किसी प्रकार का वेतन नहीं दिया जाता। इसके बाद एक बार फिर से उन्हें अनुबंध के इंटरव्यू लेकर नियुक्ति दी जाती है जबकि हम लोग उसी विश्वविद्यालय में तथा विभाग में कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं। ऐसे में बार-बार एक ही प्रक्रिया से गुजरना उन्हें मानसिक पीड़ा अपमान देता है।
गेस्ट फैकल्टी ने अदालत से मांग की थी कि जब तक विश्वविद्यालय में स्थायी नियुक्तियां नहीं हो जाती तब तक उन्हें हटाया जाए। इसके अलावा उन्हें ढाई माह की छुट्टियाें के दौरान वेतन का भुगतान भी किया जाए। अदालत ने इस याचिका की सुनवाई के लिए 23 अप्रैल की तारीख दी थी। गेस्ट फैकल्टी की तरफ अधिवक्ता आरके मलिक ने पक्ष रखा। हाईकोर्ट ने फैकल्टी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जीजेयू को छुट्टियों के दौरान वेतन देने स्थायी भर्ती होने तक इन्हें नहीं हटाने के आदेश दिए। इन आदेशों के साथ ही अदालत ने जीजेयू को 24 सितंबर के लिए नोटिस जारी किया है। अदालत ने इस दौरान याचिकाकर्ताओं की जगह दूसरे अनुबंधित शिक्षकों के रखने पर भी रोक लगा दी है।
अब बिना टेंशन के पढ़ाएंगे बच्चों को : सिहाग
जीजेयू की कान्ट्रेक्ट फैकल्टी एसोसिएशन के प्रधान बिजेंद्र सिहाग का कहना है कि एक नियमित शिक्षक सभी योग्यताओं को हम पूरा करते हैं। इसके बावजूद हमें अपने भविष्य की टेंशन रहती है। परंतु अदालत के फैसले से हमें राहत मिली है और बिना टेंशन के विद्यार्थियों को मन लगाकर पढ़ाएंगे।
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