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Wednesday, 22 April 2015

स्कूल हेड समेत तीन टीचर्स की एक-एक दिन की कटेगी सैलरी

** मिडिल हेड स्कूल खुलने के बाद भी नहीं पहुंचे, डीईओ ने लगाई एब्सेंट
कैथल : जिला शिक्षा अधिकारी ने मंगलवार को जिले के कुछ स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि बच्चों को समय का महत्व बताने वाले टीचर स्वयं ही स्कूल में देरी से पहुंचते हैं। इसमें स्कूल हेड भी शामिल हैं। बच्चे सहायक पुस्तकों से पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षा अधिकारी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्कूल हेड सहित तीन अध्यापकों की एब्सेंट लगा दी और एक दिन का वेतन काटने के आदेश दे दिए। 
डिप्टी डीईओ ने अपनी टीम को लेकर सुबह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पबनावा, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ढांड, राजकीय कन्या हाई स्कूल ढांड और राजकीय प्राथमिक पाठशाला ढांड में भी औचक निरीक्षण किया गया। राजकीय कन्या उच्च विद्यालय का हेड मास्टर स्कूल लगने के पांच मिनट बाद स्कूल पहुंचे। इसी पर दो टीचर भी पांच मिनट देरी से स्कूल पहुंचे। शिक्षा अधिकारी ने इन तीनों से देरी से आने का कारण पूछा तो कोई जबाव नहीं दे पाए। इस पर उन्होंने तीनों की गैरहाजिरी लगा दी। 
कहा फसलों की कटाई के कारण है कम संख्या: 
निरीक्षण के दौरान सीनियर सेकेंडरी स्कूल ढांड में 254 में से 160 विद्यार्थी ही स्कूल पहुंचे थे। शिक्षा अधिकारी ने कारण पूछा तो स्कूल अध्यापकों का कहना था कि ज्यादातर बच्चे गेहूं की कटाई का सीजन होने के कारण स्कूल नहीं आए। राजकीय प्राथमिक पाठशाला में भी 550 में से 356 बच्चे ही उपस्थित थे। 
प्रिंसिपल रामप्रकाश के काम को सराहा: 
शिक्षा अधिकारियों ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पबनावा के प्रिंसिपल रामप्रकाश के काम की सराहना की। रामप्रकाश सुबह स्कूल खुलने से आधा घंटा पहले ही स्कूल में काम करता पाया गया। रामप्रकाश ने शिक्षा अधिकारियों को बताया कि दसवीं के परीक्षा परिणाम से पहले ही 11वीं के साइंस में 35 विद्यार्थियों ने दाखिला ले लिया। दसवीं में 75 प्रतिशत अंकों वाले बच्चों को साइंस, 60 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले बच्चों को कामर्स 60 प्रतिशत से कम अंकों वाले बच्चों को आर्ट मेें दाखिला दिया जा रहा है। 
सहायक पुस्तकों से पढ़ाई कर रहे थे बच्चे 
राजकीय कन्या उच्च विद्यालय ढांड में शिक्षा अधिकारियों ने औचक निरीक्षण के दौरान पाया कि दसवीं कक्षा के विद्यार्थी सहायक पुस्तकों से पढ़ाई कर रहे हैं। इस पर स्कूल हेड कोई जबाव नहीं दे पाया। शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल हेड अध्यापकों को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने स्कूलों में सहायक पुस्तकों पर पूर्ण पाबंदी लगा रखी है। सरकारी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों की सहायता से ही पढ़ाया जा सकता है। अगर फिर से स्कूल में किसी बच्चे के पास सहायक पुस्तक हुई तो स्कूल हेड के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 
स्कूल में मिली कमियों को सुधारने को कहा 
"जिले के कुछ स्कूलों में मंगलवार की सुबह औचक निरीक्षण किया गया। स्कूलों में कुछ कमियां पाई गई। इन्हें सुधारने के लिए कहा गया है। राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में स्कूल हेड ही स्कूल में पांच मिनट देरी से पहुंचा। इसके अलावा दो टीचर भी देरी से पहुंचे। स्कूल टीचर से ही बच्चे समय का पालन करना सीखते हैं। अगर टीचर ही ऐसा करेंगे तो बच्चों का क्या होगा। अनुशासन को देखते हुए स्कूल हेड सहित तीन अध्यापकों की गैरहाजिरी लगाकर एक दिन का वेतन काट दिया गया है।"--  शमशेरसिंह सिरोही, डिप्टी डीईओ, कैथल                                                db

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