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Tuesday, 21 April 2015

सरकारी कर्मियों के बच्चों का राजकीय स्कूलों में पढ़ना अनिवार्य करे सरकार

करनाल : हरियाणा स्कूल लेक्चर एसोसिएशन ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार विषय पर गोष्ठी आयोजित की। इसमें शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के सुझाव दिए गए। सरकार को सुझाव दिया गया कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के बच्चों का सरकारी स्कूलों में पढ़ना अनिवार्य करना चाहिए। प्रत्येक स्कूल में स्ट्रीम के हिसाब से पर्याप्त संख्या में शिक्षकों को नियुक्त किया जाए। अगर कोई टीचर सेवानिवृत्त होता है तो उसके स्थान को तुरंत भरा जाए। 
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए एसोसिएशन के जिला प्रधान बीर सिंह राणा ने कहा कि आज हालात ये हैं कि प्रत्येक व्यक्ति नौकरी तो सरकारी चाहता है, लेकिन शिक्षा प्राइवेट संस्थानों से चाहता है। लोगों का यह दोगला रवैया शिक्षा व्यवस्था पर चोट कर रहा है। अगर सरकारी स्कूलों में व्यवस्था को बनाने में लगे लोगों के बच्चे पढ़ेंगे तो शिक्षा में गुणात्मक सुधार आएगा। सरकारी स्कूलों में इतनी पढ़ाई होती है कि ट्यूशन की बिलकुल भी जरूरत नहीं है, जबकि प्राइवेट स्कूलों में दाखिला बाद में हाेता है, पहले ट्यूशन की व्यवस्था की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर शिक्षा में गुणवत्तायुक्त सुधार चाहती तो उसे शिक्षकों के सुझाव पर गौर करना होगा। 
गोष्ठी में उठाई ये मांगे 

  •  विज्ञानसंकाय के प्रति विद्यार्थियों में रूचि बढ़ाने के प्रयास किए जाएं। 
  •  साइंस विषयों के थ्योरी प्रेक्टिकल पीरियड बढ़ाए जाएं। 
  •  सभी विद्यालयों में स्कूल मुखियाओं के पद शीघ्र भरे जाएं। 
  •  प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची की त्रुटियों को दुरुस्त किया जाए। 
  •  वेतन विसंगति को दूर किया जाए। 
  •  चुनाव जनगणना के अतिरिक्त अन्य गैर शैक्षणिक कार्य न कराएं जाएं। 
  •  विद्यालयों में लिपिक संख्या बढ़ाई जाए और रिक्त पदों को भरा जाए। 
  •  बोर्ड परीक्षाओं में पेपर मार्किंग का पारिश्रमिक बढ़ाया जाए।                                                     db

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