चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी कर्मचारी भाजपा सरकार के छह महीने के कार्यकाल में मांगों पर गौर न होने के कारण मंगलवार को सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले शक्ति प्रदर्शन करेंगे। मनोहर सरकार के सत्ता संभालने के बाद कर्मचारियों का यह पहला बड़ा प्रदर्शन होगा। कर्मचारी रैली निकालने के बाद खंड कार्यालयों पर पूरे प्रदेश में धरना देंगे। विरोध प्रदर्शन के कारण दोपहर तक सरकारी कार्यालयों में सेवाएं पूरी तरह बाधित रहेंगी।
कर्मचारी भाजपा द्वारा चुनाव घोषणापत्र में किए गए वादों के अनुरूप काम न होने के कारण भी सरकार से खफा हैं। कंप्यूटर टीचर्स, गेस्ट टीचर्स व लैब सहायक सड़कों पर हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 1400 से ज्यादा कर्मचारियांे को नौकरी से हटाया जा चुका है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा ने बताया कि मंगलवार को प्रदर्शन में सभी सरकारी विभागों, बोर्ड, निगमांे, नगर निगमांे, विश्वविद्यालयांे, नगर परिषदांे, नगरपालिकाओं, केंद्र सरकार द्वारा संचालित परियोजनाआंे में कार्यरत कर्मचारी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि नई सरकार से कर्मचारियांे को बड़ी आशाएं थीं, लेकिन चुनाव घोषणा पत्र में कर्मचारियों से किए गए वादों पर अमल शुरू नहीं हुआ है। पंजाब के समान वेतनमान, गेस्ट टीचर्स सहित अन्य कच्चे कर्मचारियांे का नियमितीकरण, ठेका प्रथा पर रोक, वेतन विसंगतियां दूर करना, कैशलेस मेडिकल सुविधा देने की बात सिर्फ चुनावी वादा बनकर रह गई है। भाजपा सरकार रिटायरमेंट की आयु 60 से घटाकर 58 कर चुकी है। पंजाब के समान वेतनमान देने का पूर्व सरकार का निर्णय भी पलट दिया गया है।
पूर्व सरकार द्वारा अधिसूचित नियमितीकरण पालिसी के तहत 5 हजार से अधिक कर्मचारियों के पक्का होने के विरुद्ध हाईकोर्ट में चल रहे केस की पैरवी भी सरकार मजबूती से नहीं कर रही। इससे नीति के रद होने की संभावना बन गई है। मार्च महीने में सरकार के मांगने पर मांग पत्र सौंपा गया था, लेकिन डेढ़ महीने बीतने के बावजूद उस पर कार्रवाई शुरू नहीं हुई। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.