** अकादमी संचालक दो दिन के रिमांड पर नहीं मिले अन्य विवि के फर्जीवाड़े के सुबूत
रोहतक : दिल्ली रोड स्थित अकादमी में सोमवार को छापेमारी के दौरान सीआइडी ने मेघालय के सीएमजे विश्वविद्यालय समेत अन्य विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्रियां बरामद की थीं। पुलिस ने दावा किया है कि सीएमजे विवि के अलावा किसी अन्य यूनिवर्सिटी की डिग्री के फर्जी होने के पुख्ता सुबूत नहीं मिले। अचरज की बात है कि सीएमजे विश्वविद्यालय दो वर्ष पहले ही सीज हो चुका है। इधर, पुलिस ने आरोपी संचालक को कोर्ट में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
बता दें कि गुप्तचर विभाग की विशेष टीम ने सोमवार को दिल्ली रोड स्थित ‘अकादमी ऑफ बिजनेस सक्सेस वेब डिजाइनिंग एंड इट सोल्यूशन’ में छापामार कार्रवाई की थी। टीम ने अकादमी में लगभग साढ़े तीन घंटे तक पड़ताल की थी। टीम ने यहां से बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियां बरामद करने का दावा किया था। इसमें सीएमजे विश्वविद्यालय के अलावा अन्य यूनिवर्सिटी के नाम भी सामने आए थे।
टीम की सूचना पर पहुंची पीजीआइ थाना पुलिस ने अकादमी के संचालक प्रीत विहार निवासी नरेश कुमार जिंदल को गिरफ्तार किया था। पीजीआइ थाना पुलिस ने मंगलवार को आरोपी संचालक को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी को दो दिन के रिमांड पर भेजा है। पुलिस आरोपी से पूछताछ करने में जुटी है।
दलालों पर पुलिस की नजर
आरोपी से पूछताछ में जुटी पुलिस की नजर अब अकादमी के पूर्व कर्मियों पर गड़ गई है। पुलिस ने उनके पते पूछने के बाद उनसे संपर्क शुरू कर दिया है। इससे पूर्व में तैनात रहे कर्मियों में खलबली मची है। गौरतलब है कि सोमवार को छापे के बाद चर्चा यह भी थी कि पूर्व कर्मियों की ही सूचना पर ही शहर में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। पुलिस अब इन्हीं कर्मियों से पूछताछ करने का प्रयास कर रही है। वहीं, पुलिस उन लोगों का भी पता लगाने का प्रयास कर रही है, जो उक्त अकादमी से डिग्री बनवाने का गोरखधंधा करते थे।
"आरोपी को दो दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। सीएमजे विश्वविद्यालय के अलावा अन्य विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। आरोपी अकादमी में डिग्री बनाता था या कहीं और इसके बारे में भी पता लगाया जा रहा है।"-- कुलदीप सिंह, एसएचओ पीजीआइएमएस। dj
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