** पांचवीं व आठवीं कक्षा के बोर्ड फिर से बहाल किए जाने का सुझाव
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार के बुलावे पर बातचीत के लिए पहुंचे एक दर्जन से अधिक शिक्षक संगठनों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के सामने समस्याओं के पिटारे खोल दिए। शिक्षा में सुधार के फामरूले सुझाने के साथ-साथ शिक्षक नेताओं ने अपने लिए दिल खोलकर सहयोग मांगा। उन्होंने एकमत होकर सेमेस्टर प्रणाली का विरोध किया और पांचवीं तथा आठवीं क्लास के लिए फिर से बोर्ड बहाल किए जाने की मांग रखी।
चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने 16 शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों की बात सुनीं। अधिकतर संगठनों ने अंतर जिला स्थानांतरण पालिसी बनाने के साथ ही राज्य स्तरीय पालिसी को सरल किए जाने और शिक्षकों की लंबित फाइलों के निपटारे की मांग रखी। अधर में लटकी भर्तियों को भी जल्द चालू करने का सुझाव आया।
शिक्षक संगठनों ने स्कूली पाठ्यक्रम में गीता और योग को शामिल करने के प्रस्ताव पर सरकार की तारीफ की, लेकिन साथ ही नैतिक व शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य किए जाने का सुझाव भी दिया। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने शिक्षक संगठनों से कहा कि उन्होंने बात सुन ली है। अगली बार अलग-अलग मीटिंग बुलाई जाएगी। शिक्षा में सुधार पर अलग बातचीत होगी और शिक्षकों की समस्याओं पर अलग से मंथन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्दी ही निष्कर्ष सामने होगा। अब अच्छे रिजल्ट भी लाकर दिखाओ।
शिक्षकों की पैरवी
मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के साथ वार्ता में 16 शिक्षक संगठनों ने भागीदारी की। इनमें हरियाणा स्कूल एजुकेशन आफिसर एसोसिएशन, मुख्य अध्यापक एवं बीईओ एसोसिएशन, हरियाणा सरकारी स्कूल प्रिंसीपल एसोसिएशन, हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन, हरियाणा स्कूल अध्यापक संघ, एलीमेंटरी स्कूल हेडमास्टर एसोसिएशन, हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन, हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ, हरियाणा राजकीय अध्यापक कल्याण संघ, हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ, हरियाणा राजकीय संस्कृत अध्यापक संघ, हरियाणा पंजाबी भाषा एवं कल्याण समिति, राजकीय कला अध्यापक संघ, हरियाणा प्रांत अध्यापक संघ, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ और हरियाणा शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ शामिल हैं। बैठक में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन और प्रधान सचिव टीसी गुप्ता समेत कई सीनियर अधिकारी मौजूद रहे।
- शिवालिक व मेवात के लिए विशेष भत्ते
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि शिवालिक व मेवात जैसे विशेष क्षेत्रों में अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार विशेष भत्ता देने पर विचार कर रही है।
- अध्यापकों को शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इच्छा शक्ति व मानसिकता में बदलाव लाना होगा।
- एक सामान्य अध्यापक व अध्यापक संघों के पदाधिकारियों में अंतराल ज्यादा है। इसे कम करना होगा। अध्यापकों के नियमित ओरियंटेशन कैंप लगाने होंगे।
- अध्यापकों को बच्चों को स्कूलों की ओर आकर्षित करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
- अध्यापकों को गैर-शैक्षणिक कार्यो में कम से कम लगाया जाए। इस दिशा में सरकार कार्य कर रही है।
- अध्यापकों की भी ग्रेडिंग होनी चाहिए। अच्छे अध्यापकों को पढ़ाई में कमजोर बच्चों को अव्वल बनाने की दिशा में प्रयास करने होंगे।
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