तावडू : खंड में कार्यरत जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी) ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को पदोन्नति लाभ नहीं मिलने पर कानूनी नोटिस भेजा है। वहीं क्षेत्र में कार्यरत अध्यापकों ने तावडू खंड के अध्यापकों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। अध्यापकों का कहना था कि यदि उनके साथ भेदभाव बरता जाता तो उन्हें पांच वर्ष पहले ही इसका लाभ मिल चुका होता।
तावडू खंड के जेबीटी अध्यापक उमेश, अजय सहरावत, सुनीता, सतीश ने संयुक्त रूप में बताया कि अध्यापक के तौर पर उनकी नौकरी वर्ष दो हजार में लगी थी। नियमानुसार प्रत्येक दस वर्ष बाद उन्हें एसीपी का लाभ दिया जाता है। इस लाभ में कर्मचारी को पदोन्नति या ग्रेड बढ़ा दिया जाता है। जिला मेवात में वर्ष दो हजार में लगे अध्यापकों को एसीपी दिया गया, लेकिन तावडू खंड को छोड़कर मेवात जिला के बकाया खंडों नूंह, पुन्हाना, नगीना फिरोजपुर झिरका में ही यह एसीपी का लाभ दिया गया। जेबीटी अध्यापकों द्वारा बार बार एसीपी देने की मांग करने पर भी जब उनकी अनदेखी जारी रही तब अध्यापकों ने खंड शिक्षा अधिकारी तावडू को निवेदन पत्र दिया। जिसे जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा गया। लेकिन यह प्रयास भी व्यर्थ रहा। आखिरकार अध्यापकों ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को कानूनी नोटिस भेजा है।जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी वजीरचंद मजौका ने बताया कि उन्होंने वर्ष दो हजार में भर्ती हुए सभी अध्यापकों को एसीपी का लाभ दे दिया है। यदि कोई अध्यापक इससे वंचित रह गया तो उनसे संपर्क करे। उन्होंने किसी भी कानूनी नोटिस या संगठन द्वारा मांग की जानकारी से इंकार कर दिया। db
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