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Monday, 13 April 2015

डीयू के बीटेक छात्रों का भविष्य अधर में

** प्रधानाचार्यो ने एआइसीटीई के रवैये को बताया गलत
** 21 कॉलेजों ने अभी नहीं दिया है शपथ पत्र
नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत विभिन्न कोर्स में बीटेक में आवेदन लेने वाले छात्रों का भविष्य अब भी अधर में है। अब मामला डीयू के कॉलेज और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) बीच फंस गया है। 
गत 9 को एआइसीटीई ने कॉलेजों के साथ बैठक कर 10 की शाम तक शपथ पत्र भरने को कहा था। इसमें लिखा था कि यदि एआइसीटीई के मानकों का कॉलेज पालन नहीं कर रहा है तो एआइसीटीई इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है। इस शपथ पत्र को डीयू के अधिकांश कॉलेजों ने इन्कार कर दिया, लेकिन छह कॉलेजों ने शपथ पत्र भरकर भेज दिया। ये छह कॉलेज मिरांडा हाउस, आइपी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, महाराजा अग्रसेन, कालिंदी कॉलेज व पीजीडीएवी बताए जा रहे हैं। एआइसीटीई के इस रवैये से कॉलेज प्रधानाचार्यो में रोष है। उनका कहना है कि शपथ पत्र में जिन शर्तो का उल्लेख किया गया है, वह पूरी तरह से मानने योग्य नहीं हैं। ऐसे में कॉलेज को इस पर विचार करने के लिए समय चाहिए था। 
डीयू में बीटेक में जितने भी दाखिले हुए हैं वह एआइसीटीई की मंजूरी के बगैर हुए हैं कि क्योंकि हमें उनके मंजूरी की जरूरत नहीं थी। ऐसे में यदि वह शपथ पत्र में कानूनी कार्रवाई की धमकी दे रहे हैं तो यह पूरी तरह अमान्य है। हालांकि, एआइसीटीई को अपना शपथ पत्र सौंप चुके महाराजा अग्रसेन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुनील सोढ़ी का कहना है कि जब कॉलेजों ने डीयू ने बीटेक कोर्स शुरू किए थे तो उन्होंने कहा था कि इसके लिए एआइसीटीई की आवश्यकता नहीं है लेकिन अब अगर एआइसीटीई हमें मान्यता देने की बात कह रहा है तो छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए इस शपथ पत्र को भरा है। ज्ञात हो कि चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत डीयू में बीटेक के विभिन्न कोर्स में 6 हजार से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया था लेकिन कॉलेजों को एआइसीटीई से संस्तुति नहीं मिली थी।                                                                     dj

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