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Thursday, 16 April 2015

सरकारी नीतियों में कमी शिक्षा के विस्तार में बाधा

** स्कूल टीचर्ज आॅफ इंिडया के महासचिव भारती ने जताई चिंता 
** बोले-शिक्षा के व्यापारीकण की नीतियों पर पाबंदी लगा कर ही शिक्षा का सुचारू रूप से विस्तार किया जा सकता है 
कुलां : आम आदमी को उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करने में सरकार की शिक्षा नीतियों में कमी का नतीजा है। शिक्षा के व्यापारीकण नीतियों पर पाबंदी लगा कर ही शिक्षा का सुचारू रूप से विस्तार किया जा सकता है। यह जानकारी स्कूल टीचर्ज आफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव सीएन भारती ने दिवाना गांव के राजकीय हाई स्कूल में आयोजित शिक्षित बनो विषय पर शिविर में बोलते हुए दी। उन्होने बताया कि शिक्षा अन्य सभी कार्यों से अलग काम है। इसके लिए स्वच्छ वातावरण चाहिए। इसे लेकर बच्चों अध्यापकों के बीच अच्छा तालमेल पैदा करना होता है। शिक्षा का अधिकार आम आदमी को निशुल्क अनिवार्य करने की जरूरत है। अध्यापक संघ के राज्य उपाध्यक्ष धमेंद्र ढांडा ने बताया कि स्कूलों में अध्यापक छात्रों का गलत अनुपात, शिक्षा से अलग अध्यापकों से मिड डे मील, बीएलओ, कमरे निर्माण, कई प्रकार के सर्वे, शिक्षण कैंप, आॅन लाइन कंप्यूटर कार्य थोप कर सरकार अध्यापक छात्रों में दूरी बढ़ाने का काम कर रही है।                                                         dbrwr

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