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Friday, 10 July 2015

5 साल में 5 लाख बच्चों ने छोड़ा सरकारी स्कूल

रेवाड़ी : राइट-टू एजुकेशन एक्ट लागू होने के बाद सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था और उसके स्तर पर विमर्श में सामने आया कि पांच सालों में प्रदेश के साढ़े तेरह हजार सरकारी स्कूलों से 5 लाख के लगभग बच्चे कम हो गए। नई शिक्षा नीति को लेकर पंचकूला के शिक्षा सदन में 8 जुलाई को 10 जिलों के शिक्षा अधिकारी नामी शिक्षाविदों की हुई बैठक में छिपा सच सामने आने पर हड़कंप मच गया है। 
जब बच्चों के कम होने पर सवाल उठा तो किसी भी अधिकारी ने ना जवाब दिया और ना खंडन। लिहाजा शिक्षक संगठनों ने 10 जुलाई को गुड़गांव में 12 जिलों की होने वाली बैठक में अधिकारियों का घेरने का फैसला लिया है। अगर यहां भी तस्वीर साफ नहीं हुईं तो शिक्षक बैठक का बहिष्कार करेंगे। इसके बाद नई शिक्षा नीति के विरोध में मानसून सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा। 
पंचकूला की बैठक में 10 जिलों के शिक्षा अधिकारी, स्टेट और नेशनल अवॉर्ड विजेता शिक्षक, बेहतर रिजल्ट देने वाले प्राचार्य, हेडमास्टर, डाइट के प्रशिक्षक शिक्षक शिक्षक संगठनों से 70 से ज्यादा शिक्षाविदों ने भाग लिया। नई शिक्षा नीति का एजेंडा एनसीईआरटी से आई टीम ने रखा। सभी को शिक्षा की नई नीति को लेकर एक प्रफोर्मा दिया गया, जिसमें दिए गए सवालों के जवाब दिए जाने थे। 
नई शिक्षा नीति पर लेंगे सुझाव : 
एससीईआरटी,गुड़गांव की निदेशक स्नेहलता ने कहा कि 10 जुलाई को सुबह 10 बजे गुड़गांव और रोहतक मंडल के 12 जिलों की होने वाली बैठक की तैयारी कर ली है। इसमें नई शिक्षा नीति को बेहतर बनाने के लिए शिक्षाविदों से सुझाव लिए जाएंगे। 
गुड़गांव में जवाब नहीं मिला तो शिक्षक बैठक का कर सकते हैं बहिष्कार 
10 जुलाई को नई शिक्षा नीति को लेकर रोहतक-गुड़गांव मंडल के तहत आने वाले 12 जिलों के शिक्षा अधिकारियों की बैठक भी हंगामेदार हो सकती है। इन जिलों में गुड़गांव, रोहतक, महेंद्रगढ़, झज्जर, रेवाड़ी, मेवात, फरीदाबाद, पलवल, करनाल, पानीपत, सोनीपत शामिल है। यहां भी शिक्षक कम हुए 5 लाख बच्चों की वजहों को लेकर सवाल करेंगे। अगर जवाब नहीं मिला तो वे बैठक का बहिष्कार करेंगे।                                                        db

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