फतेहाबाद : पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के बाद मंगलवार को छुट्टी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। खासकर स्कूलों में। कलाम के निधन के शोक स्वरूप क्षेत्र के तकरीबन 50 प्रतिशत सरकारी स्कूल बंद रहे। स्टाफ की ओर अपने स्तर पर छुट्टी मान ली गई जबकि विभाग की ओर से इस बारे मे कोई आदेश जारी नहीं हुए थे। बिना आदेश के स्कूलों में छुट्टी करने के मामले को लेकर शिक्षा विभाग गंभीरता से लिया है रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए बीईईओ की ओर से आेर एबीआरसी के जरिए बंद रहे स्कूलों की सूची मांगी है। इस बारे में निदेशालय को सूचित किया जाएगा।
सोमवार रात को पूर्व राष्ट्रपति के निधन के बाद 7 दिन का राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी गई थी। हालांकि अवकाश को लेकर किसी तरह की घोषणा नहीं हुई। मंगलवार को कई स्कूलों खास ग्रामीण क्षेत्र में स्टाफ स्कूलों में नहीं पहुंचा। कुछेक जगह बच्चे स्कूलों में पहुंचे, लेकिन स्टाफ के आने पर वापस चले गए।
कुछ जगह स्टाफ देरी से पहुंचा। बता दें कि हरियाणा सरकार के राजनीतिक एवं संसदीय मामलों के विभाग के मुख्य सचिव की ओर से मंगलवार सुबह ही एक पत्र जारी कर दिया गया था। इसमें 7 दिन के राष्ट्रीय शोक घोषित होने के बारे में बताया गया। वहीं यह भी कहा गया कि इन दिनों में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। बाकी काम पहले की तरह होंगे। किसी तरह का अवकाश नहीं होगा।
रिपोर्ट मांगी है
बीईईओ बलबीर सिहाग ने कहा कि स्कूलों में अवकाश की कोई घोषणा नहीं थी, ही कोई आदेश जारी हुए थे। जो स्कूल बंद रहे हैं, उनके बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। एबीआरसी के जरिए रिपोर्ट मांगी गई है कि कितने स्कूल बंद रहे। db
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