** कोर्ट जाएंगे परीक्षा से चूके छात्र-छात्राएं
** चंडीगढ़ के जीएमएसएसएस में कान में टॉर्च से जांच की गई
मुंबई/गुड़गांव/इंदौर/जयपुर/पटना : दूध से जली सीबीएसई ने शनिवार को पानी भी फूंक-फूककर पीया। 50 से ज्यादा शहरों में हुई एआईपीएमटी ज्यादातर छात्र-छात्राओं के लिए कभी भूलने वाली परीक्षा बन गई। पेपर से ज्यादा पहरा डरावना साबित हुआ। सख्त जांच से कुछ परीक्षार्थी जहां रो दिए, वहीं भोपाल समेत कई जगह थाने में शिकायत करने पहुंच गए। देशभर में करीब 50% बच्चे परीक्षा ही नहीं दे पाए (टेबलदेखिए पेज 9 पर)। परीक्षादेने से वंचित रहे दिल्ली के कुछ छात्र-छात्राओं ने बताया कि वे कोर्ट में चुनौती देंगे। 3 मई को हुई एआईपीएमटी में हाईटेक नकल उजागर हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने दोबारा टेस्ट के आदेश दिए थे।
जबलपुर मेंकई छात्राओं को एक-दो नहीं, बल्कि 5-5 बार जांच का सामना करना पड़ा। हर बार अफसरों को कुछ कुछ कमी नजर जाती थी। एक केंद्र में कुछ छात्र टी-शर्ट पहनकर आए। चेकिंग में गार्ड्स को कुछ नहीं मिला। फिर भी संदेह दूर करने के लिए बटन ही तोड़ दिए गए। मुंबईके खारघर सेंटर्स की एक छात्रा से दुपट्टा भी निकलवा लिया गया। वो रोती हुई सेंटर में गई।
रांची में अंगुलियों के पोरों, बालों, नाखूनों की जांच की गई। गेट से परीक्षा हॉल तक वीडियो शूटिंग चलती रही।
नवी मुंबई केखारघर स्थित केंद्र के छात्रों ने बताया-ऐसा लगा कि हम किसी पुलिस स्टेशन या कोर्ट रूम में बैठे थे।
मुंबई के कोलाबा में 13 छात्राओं को देर से आने पर बैठने नहीं दिया गया। इससे नाराज पिता ने कहा,'प्रिंसिपल इज टेररिस्ट ऑफ लिट्टे। फर्क यही है कि उसे मारा नहीं बस।
तिरुअनंतपुरम केएक सेंटर पर एक नन ने स्कार्फ और पवित्र क्रॉस उतारने से इनकार किया तो उसे परीक्षा देने से रोक दिया गया।
टेस्ट या टेरर
- जूते उतार लिए। नंगे पैर अंदर गए। ऐसा लग रहा था, परीक्षा हॉल में नहीं, किसी मंदिर में जा रहे हों। -रांची का छात्र
- कान में टॉर्च से ऐसे देख रहे थे, जैसे कुछ छिपाकर हम परीक्षा देने नहीं, प्रेसिडेंट हाउस में जा रहे हों। -जयपुर का छात्र
- हर वक्त शक से भरी नजर रखी जा रही थी। परीक्षा हॉल से निकले तो लगा, जैसे जेल से छूटे हों। -जबलपुर की छात्रा db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.