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Thursday, 23 July 2015

भिवानी सहित 6 जिलों में इस बार भी एचटेट के सेंटर नहीं

** बोर्ड का तर्क-नकल के लिए कुख्यात हैं ये जिले 
** 10वीं-12वीं में नकल कराने की वजह से रोहतक, जींद, महेंद्रगढ़, मेवात, झज्जर भी रहे सेंटर से वंचित 
** बोर्ड नकल रोकने के प्रबंध करे तो 120 किमी. दूर जाने की परेशानी से बचेंगे अभ्यार्थी
पानीपत / भिवानी / रेवाड़ी : स्कूल शिक्षा बोर्ड ने छह जिलों में सिर्फ इसलिए हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) के सेंटर नहीं बनाए, क्योंकि उसे डर था कि यहां नकल हो सकती है। बोर्ड ने इन जिलों में कभी एचटेट की परीक्षा कराई ही नहीं बल्कि यह धारणा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में सामने आए नकल के केसों के आधार पर बना ली। इनमें बोर्ड का मुख्यालय शहर भिवानी, शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा का गृहक्षेत्र महेंद्रगढ़ और मुख्यमंत्री का गृहक्षेत्र रोहतक शामिल हैं। झज्जर, जींद और मेवात में भी एचटेट के सेंटर नहीं बनेंगे। पिछली बार वर्जित किए गए पलवल और सिरसा जिलों में इस बार सेंटर बनेंगे। 
बोर्ड सचिव पंकज कुमार तर्क गिनाते हैं कि बोर्ड प्रशासन नकल रहित परीक्षा चाहता है। इसलिए संवेदनशील रहे जिलों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाया। लेकिन जब एचटेट कभी कराया ही नहीं तो तय कैसे किया, इस सवाल का बोर्ड के पास जवाब नहीं। इन छह जिलों से करीब 80 हजार युवाओं ने आवेदन किया है। शिक्षामंत्री ने दावा किया था कि इस बार एचटेट देने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। बोर्ड ने ऑनलाइन आवेदन के समय गृह जिले का ऑप्शन भी मांगा था। बोर्ड ने अंतर जिला केंद्र अलॉट किए हैं। परीक्षा देने के लिए दूसरे जिलों में जाना होगा। 
बोर्ड की दलील : आधे से ज्यादा संवेदनशील केंद्र यहां 
बोर्ड परीक्षाओं में 217 परीक्षा केंद्र संवदेनशील घोषित किए, इनमें से 132 इन छह जिलों में हैं। अकेले भिवानी में 51 हैं। 10वीं-12वीं में नकल के करीब तीन हजार केस बने। दो हजार से ज्यादा इन्हीं जिलों में थे। 
सवाल : जब बोर्ड परीक्षा हो सकती है तो एचटेट क्यों नहीं 
बोर्ड ने संवेदनशील बताकर जिन छह जिलों में एचटेट के सेंटर नहीं बनाएं, वहां 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा के केंद्र बनते हैं। रोहतक में 28 जून को नेट का परीक्षा केंद्र बना। सीटेट की परीक्षा भी यहां होती रही है।
दुविधा : तो क्या बोर्ड को खुद पर भी भरोसा नहीं 
भिवानी में बोर्ड का मुख्यालय है। यहां एचटेट का सेंटर बनाने का मतलब है कि बोर्ड के अफसरों को खुद पर भी भरोसा नहीं कि वे नकल रोक पाएंगे। बोर्ड एचटेट का संचालन करता है।
असर : तोे परीक्षा के लिए 120 किलोमीटर दूर जाना होगा 
एक जिले के परीक्षार्थियों को तीन से पांच जिलों में केंद्र अलॉट किए जाएंगे। भिवानी के परीक्षार्थी का केंद्र हिसार, रोहतक, रेवाड़ी फतेहाबाद के अतिरिक्त कैथल या पानीपत में हो सकता है। भिवानी से कैथल की दूरी लगभग 120 किलोमीटर तक है।
दिक्कत : 65 फीसदी आवेदक महिलाएं 
अंतरजिला सेंटर बनाने का सबसे ज्यादा नुकसान महिलाओं को होगा। आवेदकों में से 65 फीसदी महिलाएं हैं। 2 दिन में यात्रियों के साथ साथ साढ़े चार लाख परीक्षार्थी परीक्षा देने के लिए प्रदेश में इधर से उधर जाएंगे।अनुभव : परीक्षा केंद्र दूर होने से 12 हजार नहीं दे सके परीक्षा 
फरवरी 2014 में हुई एचटेट की परीक्षा में केंद्र दूर देने 8 जिलों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाने की वजह से 12 हजार 152 से ज्यादा विद्यार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए थे। इसमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा थीं। 
तैयारी : बोर्ड परीक्षा केंद्रों पर के जैमर लिए ऑनलाइन कोटेशन मांगे 
एचटेट में नकल रोकने के लिए परीक्षा की वीडियोग्राफी और अंगूठे की छाप लगाने की प्रक्रिया पहले भी होती है। इस बार बोर्ड परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाने की सोच रहा है। जैमर के ऑनलाइन कोटेशन मांगे गए हैं।
इधर, पुलिस अफसरों का आश्वासन-बोर्ड सेंटर बनाए नकल रहित परीक्षा कराएंगे 
सेंटर देने की बजाय पद्धति बदले बोर्ड : जाधव 
रोहतक के आईजी श्रीकांत जाधव ने कहा कि रोहतक किसी भी परीक्षा के लिए सबसे सुरक्षित है। हमने पिछले दिनों एआईपीएमटी मेें नकल गिरोह का भंडाफोड़ करके साबित भी किया है। बोर्ड को पद्धति में बदलाव की जरूरत है, ही सेंटर देने से हालात सुधरेंगे। हम बेहतर तरीके से परीक्षा करवा सकते हैं।
संवेदनशील केंद्रों पर चुनाव भी तो कराए जाते हैं : आईजी 
दक्षिणी रेंज रेवाड़ी (मेवात, महेंद्रगढ़ रेवाड़ी) की आईजी ममता सिंह ने बोर्ड के फैसले पर हैरानी जताई। बोलीं, जब प्रशासन पंचायत, विधानसभा लोकसभा चुनाव के संवेदनशील केंद्रों पर चुनाव करा सकता है, तो एचटेट की परीक्षा कुछ भी विशेष नहीं है। मेवात-महेंद्रगढ़ में परीक्षा केंद्र नहीं बनाना बोर्ड की अपनी तकनीकी समस्या हो सकती है।                                                                     db






















 

 




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