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Saturday, 25 July 2015

अब रिटायर्ड प्रिंसिपल या प्रोफेसर ही बन सकेंगे सरकारी कॉलेजों में एक्सटेंशन लेक्चरर

** सरकार की नई पॉलिसी का असर : युवाओं के लिए कम होंगे अवसर 
पानीपत : सरकारी कॉलेजों में अब सिर्फ रिटायर्ड प्रिंसिपल, एसोसिएट या असिस्टेंट प्रोफेसर ही एक्सटेंशन लेक्चर दे पाएंगे। शुक्रवार को उच्चतर शिक्षा महानिदेशक (डीएचई) ने यह निर्देश जारी किए। पहले पात्रता पूरा करने वाला कोई भी व्यक्ति इंटरव्यू में शामिल हो सकता था। 
इस फैसले का असर हजारों युवाओं पर पड़ेगा, जो नेट, एमफिल या पीएचडी के बाद एक्सटेंशन लेक्चरर के तौर पर अस्थाई सेवाएं देते हैं। करीब 100 सरकारी कॉलेजों में हर साल करीब चार हजार एक्सटेंशन लेक्चररों की नियुक्ति होती है। समझा जा रहा है कि गेस्ट टीचरों के मामले में बड़ा आंदोलन झेल रही सरकार अब एक्सटेंशन लेक्चरर रखने में भी फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। 
उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने यह फैसला उस समय लिया है जब बीते कई सत्रों से एक्सटेंशन लेक्चरर के तौर पर सेवाएं दे रहे पात्रों ने हर साल नए सिरे से होने वाले इंटरव्यू को रोकने की मांग को लेकर सीएम के निर्वाचन क्षेत्र करनाल में धरना दिया था। साथ ही पंचकूला में सामूहिक गिरफ्तारी भी दी गई। सरकार को आशंका थी कि बाद में यही लेक्चरर सेवाएं नियमित करने को लेकर आंदोलन चला सकते हैं।
250 प्रति पीरियड भुगतान
एक्सटेंशन लेक्चर के लिए प्रति पीरियड 250 रुपए और अधिकतम 18 हजार रुपए मासिक भुगतान होता है। हर साल करीब सात महीने के लिए नियुक्ति होती है। 
21 को रद्द किए थे इंटरव्यू 
प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों में एक्सटेंशन लेक्चरर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिए गए थे। लेकिन निदेशालय से आए पत्र के बाद सभी कॉलेजों में इंटरव्यू प्रक्रिया रद्द कर दी गई।                                                                db

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