चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में आने वाले दिनों में दाखिला प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। स्कूल अब दाखिला के बाद छात्रों की फर्जी संख्या शिक्षा निदेशालय को नहीं भेज पाएंगे। सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों की सही संख्या का पता लगाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने नायाब तरीका खोजा है। अब सभी स्कूली छात्रों की पहचान यूनिक पंजीकरण नंबर से होगी।
विभाग ने इस योजना को एसआरएन (स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन नंबर) नाम दिया है। विभाग स्कूल प्रबंधन प्रणाली पोर्टल परिवर्तन शुरू करने के बाद अब छात्रों को पहचान नंबर मुहैया कराने में जुटेगा। छात्रों को विशिष्ट नंबर ई-मेल और एसएमएस के जरिए मुहैया कराया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग एसएमएस बच्चों के अभिभावकों के मोबाइल नंबर पर भेजेगा। छात्रों का रिकार्ड ऑनलाइन करने से पहले ही स्कूल दाखिला फार्म में मोबाइल नंबर व ई-मेल आइडी दर्ज कर चुके थे। इससे अब उन्हें छात्रों को यूनिक नंबर देने में खास दिक्कत नहीं आएगी। विभाग सरकारी योजनाओं में होने वाला फर्जीवाड़ा भी इससे रोकेगा। अभी तक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति और अन्य वित्तीय लाभ में बड़े स्तर पर अनियमितताएं होती हैं। चूंकि रजिस्टर में दर्ज छात्रों और वास्तविक आंकड़े में काफी अंतर होता है।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने योजना को अमलीजामा पहनाने से पहले सभी स्कूलों का रिकार्ड ऑनलाइन कराया है। ताकि सही दाखिला की स्थिति पता चल सके। अब उसके अनुसार ही छात्रों को पहचान नंबर मिलेंगे। dj
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