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Saturday, 11 July 2015

स्कूलों में बच्चों को भी दी जाएगी डिजिटल नॉलेज

** ई-एजुकेशन : 14 साल से ऊपर के सभी बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ तकनीकी ई-शिक्षा देने की हो रही तैयारी 
** एनडीएलएम से सीधे विद्यालयों को जोड़ने की जिला प्रशासन की योजना, 
** बच्चों को सीधे पहुंचेगा फायदा 
हिसार : पीएम नरेंद्र मोदी की स्वर्णिम योजना डिजिटल इंडिया को अब जिले के हर स्कूल से जोड़ा जाएगा। जिला प्रशासन एनआईसी की मदद से स्कूलों में बच्चों को डिजिटल एजुकेशन देगा। नेशनल डिजिटल साक्षर मिशन एनडीएलएम से जुड़ने के बाद बच्चे सभी तकनीकी काम खुद कर सकेंगे। ऑनलाइन कार्यों के लिए भी अभी तक लोगों को ई-दिशा केंद्र के चक्कर लगाने पड़ते हैं, मगर ई-नॉलेज मिलने के बाद वह घर बैठे ही सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। जिला प्रशासन अपनी इस योजना को अमलीजामा पहनाने में जुटा है। जल्द ही इसे स्कूलों के माध्यम से पूरे जिले में लागू कर दिया जाएगा। 
एनडीएलएम के तहत लोगों को डिजिटल साक्षर बनाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। यही नहीं एनआईसी के कॉमन सर्विस सेंटर -सीएचसी- के तहत भी दो चरण में लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिला प्रशासन सीएचसी से जिले के सभी स्कूलों को जोड़ने की कार्ययोजना तैयार कर चुका है। अभी जिला उपायुक्त छुट्टी पर हैं, उनके आते ही इस बाबत जिले के सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को आदेश भेज दिया जाएगा। 
इसके बाद हर स्कूल में 14 वर्ष से ऊपर के बच्चों को पहले चरण के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। एनआईसी के तकनीकी निदेशक एमपी कुलश्रेष्ठ ने बताया कि एनडीएलएम के तहत स्कूलों को जोड़ने के अभियान का खाका तैयार किया गया है। 14 साल से अधिक उम्र के स्कूली बच्चों को प्रशिक्षित किया जाएगा। 
ऐसे बनाएंगे बच्चों को डिजिटल साक्षर 
स्कूलों के माध्यम से पहले चरण में बच्चों को मोबाइल, इंटरनेट, ई-मेल तथा डिजिटल उपकरणों के उपयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। दूसरे चरण के प्रशिक्षण में ई-गवर्नेंस सर्विस के उपयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। दूसरे चरण का प्रोग्राम लंबी अवधि का है। इसमें ऑनलाइन रोजगार से संबंधित फार्म भरने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। ऑनलाइन बिजली पानी के बिल भरने तथा शिकायतों के लिए सीएम विंडो का उपयोग करने के बारे में भी बताया जाएगा। साथ ही आधार कार्ड और डिजिटल लॉकर स्कीम से भी बच्चों को जोड़ा जाएगा। 
बच्चों को प्रशिक्षित करने से ये होगा फायदा 
14वर्ष से ऊपर की आयु के बच्चों को प्रशिक्षित करने से यह फायदा होगा कि जाति, आयु, कास्ट, इनकम, डोमेसाइल, आधार कार्ड जैसे प्रपत्र जिन्हें बनवाने के लिए लोगों को ई-दिशा केंद्र आना पड़ता है। वह घर का बच्चा ही आसानी से बना देगा। स्कूली शिक्षा के साथ मिली इस तकनीकी शिक्षा से सिर्फ बच्चे का ही विकास नहीं होगा, बल्कि पूरे परिवार को भी कई सहूलियतें मिल जाएंगी।                                                                       db

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