** विडंबना : कैसे पास होंगे सरकारी स्कूल के बच्चे, बीईईओ पहुंचे जांच के लिए तो सामने आई हकीकत
** बच्चे आपस में ही मिलकर दे रहे थे मंथली टेस्ट
रेवाड़ी : सरकारी स्कूलों में पढाई के हालात सुधरे तो कैसे, कभी शिक्षा के लिए बनी नीतियां आड़े जाती हैं तो कभी अव्यवस्थाएं। शनिवार को भी जिले के एक प्राथमिक स्कूल में एक अजीब ही लापरवाही उजागर हुई, जब शिक्षक मंथली टेस्ट के लिए बच्चों को पेपर थमाकर खुद स्कूल से चला गया। जबकि परीक्षा के लिए कोई दूसरा शिक्षक भी स्कूल में मौजूद नहीं था। मामला सामने तब आया जब खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी अचानक स्कूल के निरीक्षण पर पहुंच गए। स्कूलों में शनिवार से मंथली टेस्ट शुरू हो गए। टेस्ट के पहले दिन ही प्राथमिक स्तर के बच्चों के मंथली टेस्ट लिए जाने थे। इस दौरान जाटूसाना खंड के बीईईओ मुकेश कुमार स्कूलों के निरीक्षण पर पहुंचे। बीईईओ सुबह 10.40 बजे राजकीय प्राथमिक पाठशाला नया टेहना भी पहुंचे। स्कूल में उस समय मंथली टेस्ट चल रहा था। स्कूल से टीचर गायब था और बच्चे आपस में ही मिलकर पेपर कर रहे थे। बीईईओ ने पूछताछ की तो पता चला कि शिक्षक प्रश्न पत्र देकर किसी काम से स्कूल से बाहर है। बीईईओ ने तुरंत दूसरे स्कूल से शिक्षक को बुलाकर टेस्ट में ड्यूटी लगाई। इसके बाद बच्चों के टेस्ट लिए जा सके।
जांच के बाद सामने आएगी सच्चाई : बीईईओ
"शिक्षकका टेस्ट के लिए प्रश्न पत्र देकर स्कूल से ही गायब हो जाना बडी लापरवाही है। शिक्षकों को अपने काम के साथ ईमानदार होना चाहिए। अब इस मामले की रिपोर्ट आगे भेजी जाएगी। सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी।"-- मुकेश कुमार, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी।
सफाई : तबीयत खराब थी, बताया था
इधर शिक्षक धर्मबीर का कहना है कि मंथली टेस्ट के दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई थी। इसके लिए उन्होंने क्लस्टर में नूरपुर स्कूल के एक शिक्षक को बता दिया था, ताकि वह स्कूल में पहुंचकर बच्चों का टेस्ट ले सके। शिक्षक धर्मबीर का आरोप है कि उस शिक्षक को वापस नूरपुर भेज दिया गया। जबकि तबीयत खराब होने के बाद उन्होंने रेवाड़ी में जांच भी कराई, जिसकी रिपोर्ट भी उनके पास है।
चेकिंग में एक स्कूल मिला, बहुतों पर खड़े हुए सवाल
शिक्षा का अधिकार नियम के तहत पहली से 8वीं तक बच्चों को परीक्षा में फेल नहीं करने से शिक्षा के स्तर में गिरावट से परेशान विभाग ने समस्या का हल निकालते हुए मंथली टेस्ट से स्थिति सुधारने की कवायद शुरू की थी। अब मंथली टेस्ट को लेकर सामने आई लापरवाही ने बड़े सवाल खड़े कर दिए। अधिकारी की चेकिंग के दौरान टेहना के स्कूल से शिक्षक की गैर हाजिरी ने विभाग की चिंताएं बढ़ा दी है। बता दें कि विभाग द्वारा शिक्षकों को दो दिन पहले ही पेपर उपलब्ध कराए जा चुके थे। पेपर चेक भी शिक्षकों को ही करने हैं। ऐसे में विभाग का शिक्षकों पर भरोसा करना मजबूरी है। ऐसे शिक्षक स्कूल में उपस्थित रहने के साथ ही पेपर को ठीक प्रकार से आयोजित चेक करने तक में लापरवाही बच्चों के भविष्य और शिक्षा के स्तर पर सवाल खड़े कर रही है। db
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