** नई पॉलिसी : शिक्षकों-जिला शिक्षा अधिकारियों से 15 दिन में मांगे आपत्तियां सुझाव
चंडीगढ़ : प्रदेश में अब मौलिक शिक्षा विभाग में मुख्याध्यापकों, प्राथमिक शिक्षकों और सीएंडवी अध्यापकों के इंटर जिला तबादले हो सकेंगे। सरकार ने इसके लिए नई पॉलिसी तैयार की है।
शिक्षकों और जिला शिक्षा अधिकारियों से 15 दिन में इस खाके पर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। अभी तक विभाग में नियमित आधार पर कार्यरत जिला संवर्ग के शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, प्राथमिक शिक्षकों सीएंडवी को सामान्य तबादले के तहत जिले से बाहर नहीं भेजा जा सकता था। शिक्षकों की दिक्कतों और लंबे समय से चली रही मांग को देखते हुए अंतर जिला स्थानांतरण नीति तैयार की गई है। नीति को अंतिम रूप देने के बाद निर्धारित मापदंडों के अनुसार शिक्षकों के ट्रांसफर जिलों से बाहर किए जाएंगे। सभी शिक्षकों को पारस्परिक ( म्यूचुअल) स्थानांतरण के लिए प्रोफार्मा 'क' और अन्य श्रेणियों के लिए प्रोफार्मा 'ख' में आवेदन करना होगा। ये विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
शिक्षकों को आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि से पहले अपने आवेदन जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को प्रेषित करने होंगे। जिन्हें संबंधित आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा। ऐसे शिक्षकों की वरिष्ठता नए जिले में संबंधित काडर में सबसे नीचे निर्धारित की जाएगी।
आवेदन के साथ शपथपत्र भी देना पड़ेगा
शिक्षकों को अपने आवेदन के साथ यह शपथपत्र संलग्न करना होगा कि वे अपने पूर्व जिले की वरिष्ठता छोड़ने के लिए तैयार हैं। अंतर जिला स्थानांतरण के लिए आवेदन करते समय शिक्षक अधिकतम दो जिलों का विकल्प दे सकते हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के स्तर पर किसी भी आधार पर आवेदन को रद्द नहीं किया जाएगा। निदेशालय ही इस पर निर्णय लेगा। नए जिले में सेवा ग्रहण करने पर सभी अध्यापकों के अंतर जिला स्थानांतरण को नए जिले में स्थानांतरण आधार पर नियुक्ति माना जाएगा। नए जिले में खाली पद उपलब्ध होने पर अध्यापकों के आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे। db
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