चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों से हटाए गए सरप्लस गेस्ट टीचर्स की सारी याचिकाएं रद हो गई हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ ने इस संबंध में रिर्जव रखा हुआ फैसला शुक्रवार को सार्वजनिक कर दिया। जस्टिस अमित रावल की एकल खंडपीठ ने 22 पेज के फैसले में लिखा-सरप्लस गेस्ट टीचर्स को शिक्षा विभाग ने हटाया था। हटाने से पहले उन्हें पब्लिक नोटिस जारी किया था। सभी ने जवाब भी दिए थे। शिक्षा विभाग ने उन्हें हटा दिया। इन हटाए गए गेस्ट टीचर्स ने याचिकाएं दायर कर मांग की थी कि चूंकि वे सरप्लस नहीं हैं और विभाग ने उन्हें सरप्लस गलत तरीके से घोषित किया है। इसलिए उनके हटाने के आदेश रद किए जाएं। खंडपीठ ने फैसले में लिखा है कि एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने कोर्ट को बताया है कि सरकार ने इन गेस्ट टीचर्स को रेगुलर भर्ती में उम्र में पांच साल की छूट दी है और उन्हें लिखित परीक्षा पास करने के लिए 1000 रुपये देने का फैसला किया है। सभी गेस्ट टीचर्स रेगुलर भर्ती की परीक्षा में बैठें। हटाए गए सरप्लस गेस्ट टीचर्स के अलावा अन्य गेस्ट टीचर्स को तब तक नहीं हटाया जाएगा जब तक रेगुलर टीचर नहीं आ जाते।
खंडपीठ ने फैसले में लिखा कि जो टीजीटी और पीजीटी टीचर्स की रेगुलर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ है, उसमें गणित, हिंदी और सोशल स्टडी के पद शामिल नहीं हैं। सरप्लस होने के बावजूद सरकार ने उन्हें उम्र में पांच साल की छूट देकर उदारता दिखाई है। जिन स्कूलों के हेडमास्टर्स ने पत्र जारी किए हैं कि गेस्ट टीचर हटाने से स्कूल बंद हो जाएंगे, उन पत्रों में कोई वजन नहीं है। hb
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