सोनीपत : एडिड स्कूलों के स्टाफ को सरकारी स्कूलों में समायोजित किए जाने की घोषणा के 2 साल बाद भी कोई कार्रवाई न हाने पर अब खिक्षकों ने यह मामला राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के दरबार में भेज दिया है। एडिड स्कूलों का स्तर लगातार गिर रहा है और स्टाफ बेहाल है और प्रदेश सरकार चुप है।
नेशनल वेल्फेयर फोरम के अध्यक्ष नरेश आकाश ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इससे पहले नरेश आकाश व प्रदेश के अन्य एडिड स्कूलों के स्टाफ प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री सहित प्रदेश सरकार के हर मंत्री से गुहार लगायी थी। गौरतलब है कि 2 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने घोषणा की थी कि एडिड स्कूलों के स्टाफ को सरकारी स्कूलों में समायोजित किया जाएगा, लेकिन बाद में तकनीकी अड़चनों का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया गया था।
नरेश आकाश के अनुसार हरियाणा के 208 ऐडिड स्कूल पिछले लगभग 10 वर्षों से भ्रष्टाचार का दंश झेल रहें हैं, क्योंकि स्कूल प्रबंधक समितियों का दखल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे बन गये हैं कि इन स्कूलों की दयनीय दशा को देखते हुए यहां से छात्रों का पलायन हो रहा है।
ये हैं समस्याएं
- अधिकतर ऐडिड स्कूलों में स्वीकृत पदों पर कार्यरत अध्यापकों तथा कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं मिल रहा है।
- ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो केवल सरकार द्वारा जारी वेतन की ग्रांट राशि का भुगतान ही अपने कर्मचारियों को कर रहें हैं।
- कुछ ऐडिड स्कूलों में अभी तक अपने कर्मचारियों को छठा वेतनायोग भी नहीं दिया गया है, जबकि सरकार से छठे वेतनायोग के अनुसार वे अपने अध्यापकों के वेतन की ग्रांट राशि ले रहे हैं।
- हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशानुसार ऐडिड स्कूलों को एसीपी का लाभ एरियर राशि सहित दे दिया है, लेकिन अभी भी बहुत से ऐडिड स्कूलों ने यह लाभ नहीं दिया है। कुछ स्कूलों में तो एसीपी का यह लाभ 8, 16 तथा 24 वर्षों के अनुसार प्रदान कर दिया गया है।
- हरियाणा में कुछ ऐडिड स्कूल प्रबंधक समितियाओं ने तो अपने स्कूलों को डी-ग्रांट कराकर वहां मॉल आदि बनवाकर इन सार्वजनिक संपत्तियों पर कब्जा करना आरंभ कर दिया हैं। ऐसा करने से ऐडिड स्कूलों के अध्यापक बेरोजगार हो रहे हैं। dt
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