जींद : शिक्षा विभाग ने पदोन्नति नहीं लेने वाले शिक्षकों की एसीपी का लाभ नहीं दिए जाने के फरमान जारी किए हैं। इस संदर्भ में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि सरकारी या निजी संस्थान में हर कोई इंक्रीमेंट और पदोन्नति के लिए सब कुछ करने को तैयार हो जाता है, लेकिन प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले गुरुजी के साथ उल्टा ही हो रहा है। पदोन्नति के बाद दूर-दराज के स्टेशन मिलने के कारण वह पदोन्नति से इन्कार कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा हाल में कई कैडरों में पदोन्नति के लिए आवेदन मांगे थे। इसके लिए सीनियोरिटी लिस्ट भी जारी की गई थी, ताकि शिक्षकों को पदोन्नति मिल सके। मगर जब पता चला कि विभाग ने इस बार बिना काउंसिलिंग के ही शिक्षकों को दूर-दूर स्टेशन अलॉट कर दिए गए हैं तो उन्होंने पदोन्नति लेने से ही इन्कार कर दिया। ऐसे में विभाग के सामने संकट खड़ा हो गया कि नई नियुक्ति व अन्य कैडर में पदोन्नति पाने वाले शिक्षकों को कहां समायोजित किया जाए। इसमें अधिकतर वे शिक्षक शामिल हैं, जिनकी सीनियोरिटी विभाग ने बनाई थी और उनकी पदोन्नति दी थी।
क्या कहते हैं नियम :
एसीपी नियमावली 2008 के नियम आठ के अनुसार जो कर्मचारी अपने कैडर की कार्यात्मक पदोन्नति पद पर तरक्की के योग्य होता है और पदोन्नत पद की रिक्ति न होने के कारण उसका प्रमोशन न किया गया हो तो वह एसीपी का पात्र होता है। इससे स्पष्ट है कि योग्यता बढ़ाकर पदोन्नति पाना कार्यात्मक पदोन्नति नहीं है। कार्यात्मक पदोन्नति वह है जो केवल वरिष्ठता के आधार पर होती है। जैसे जेबीटी से हेड टीचर, मास्टर से मिडिल हेड, लेक्चरार से ¨प्रसिपल की पदोन्नति कार्यात्मक पदोन्नति है। ये पदोन्नतियां छोड़ने पर एसीपी कटेगी, लेकिन मास्टर से लेक्चरार, जेबीटी से मास्टर कार्यात्मक पदोन्नति नहीं है। ये योग्यता आधारित पदोन्नतियां हैं, ऐसे में नियम आठ के अनुसार एसीपी नहीं कटेगा। जिला शिक्षा अधिकारी वंदना गुप्ता ने बताया कि योग्यता बढ़ाकर पदोन्नति लेने वालों की एसीपी नहीं कटती है जबकि वरिष्ठता के अनुसार पदोन्नति मिलने और उसे नहीं लेने पर एसीपी नए ग्रेड की नहीं मिलेगी, लेकिन पहले वाली जरूर मिलती है। dj
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