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Monday, 18 July 2016

चयनित जेबीटी का नियुक्ति के लिए आर-पार की लड़ाई का ऐलान

करनाल : प्रदेश के हजारों चयनित जेबीटी अध्यापकों ने रविवार को वादा निभाओ महारैली करके सरकार के खिलाफ संघर्ष छेड़ने का ऐलान किया है। रैली के बाद प्रदर्शनकारी जब शहर की और बढ़े तो पुलिस ने उन्हें नयी सब्जी मंडी के गेट पर रोक लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी वहीं पड़ाव डालकर बैठ गये।
रैली में महिलाओं और बच्चों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। तकरार को बढ़ता हुआ देखकर प्रशासन ने चंडीगढ़ बात करके उन्हें मंगलवार को सीएम से मिलने का समय दिलवाया। चयनित जेबीटी ने एक जुलाई से चल रही रथयात्रा का आज अनाजमंडी में समापन किया। इस दौरान सरकार से आरपार की लड़ाई का ऐलान किया गया। चयनित जेबीटी संघर्ष समिति के संयोजक राजेंद्र यादव और महिला विंग की प्रदेश संयोजक प्रोमिला देवी और विनोद कौशिक ने कहा कि 29 मार्च 2015 को करनाल में हुई प्रदेश स्तरीय रैली और रोष प्रदर्शन के बाद सरकार ने उन्हें 77 दिन में नियुक्ति देने का वादा किया था, लेकिन अब सरकार मुकर गई है।
उन्होंने कहा कि रोजगार न मिलने के कारण प्रदेश के 12731 अध्यापक आर्थिक और मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में भी सरकार के पास प्राथमिक शिक्षकों के 16254 पद रिक्त पड़े हैं, जिससे शिक्षण कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इधर हजारों जेबीटी अध्यापक पिछले 23 माह से नियुक्ति मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। राजेंद्र यादव ने कहा कि हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने 31 मार्च 2016 को इस भर्ती को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन इसके बाद भी 42 दिन तक सरकार ने कोई कदम नही उठाया। इसके बाद डबल बैंच ने 11 मई को फिर से नियुक्ति पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि कोर्ट का स्टे हटवाने के लिये सरकार मजबूत कदम उठाये। जेबीटी अध्यापक अब कोरे आश्वासनों के भरोसे नहीं बैठेंगे और आरपार की लड़ाई लड़ेंगे।
चंडीगढ़ से मिला वार्ता का न्योता
सरकार द्वारा संघर्ष समिति को 19 जुलाई को चंड़ीगढ़ आकर वार्ता करने का न्योता दिये जाने के बावजूद देर शाम तक जेबीटी अध्यापक पुलिस के घेरे में रोष प्रदर्शन करते रहे। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इस बात पर अड़े हुए थे कि सरकार के कोरे आश्वासनों के चक्कर में पड़ने के बजाय आज ही आर-पार का संघर्ष शुरू किया जाये और पुलिस का घेरा तोड़कर शहर में महापड़ाव डाला जाये। इस दौरान संघर्ष समिति में करीब दो घंटे तक चले विचार विमर्श के बाद गर्म दल के सदस्यों को मनाया गया और इसके बाद सायं छह बजे रोष प्रदर्शन समाप्त हुआ।                                               dt 

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