चंडीगढ़ : नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन चल रही केंद्र सरकार की विभिन्न स्कीमों के तहत राज्य सरकार ने रैशनलाइजेशन के नाम पर करीब 20 फीसदी स्टाफ कम करना शुरू कर दिया है। इन स्कीमों में बरसों से काम कर रहे कर्मचारियों ने रोजी-रोटी पर संकट आता देख हड़ताल शुरू कर दी है। सर्व कर्मचारी संघ ने इन कर्मियों की हड़ताल का समर्थन करते हुए सरकार से तुरंत बातचीत करके हड़ताल खत्म करवाने का आग्रह किया है।
सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने अगर बातचीत के बजाय हड़ताली कर्मचारियों पर कोई दमनात्मक कार्यवाही करने की कोशिश की तो संघ और उससे जुड़े सभी विभागों के कर्मचारी भी इनके साथ हड़ताल में शामिल हो जाएंगे। लांबा ने बताया कि मौजूदा सरकार प्रदेश में रोजगार देने बजाय लोगों का रोजगार छीन रही है।
हाल ही अप्रैल में ही हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया था। अब मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी के आदेश पर एन एचएम के मिशन डायरेक्टर ने 15 जुलाई को एक आदेश जारी करके रैशनलाइजेशन के नाम पर सभी परियोजना अधिकारियों को 20 फीसदी स्टाफ कम करने को कहा है। जिन कर्मचारियों को हटाया जा रहा है, वे पिछले 18-20 वर्षों से काम कर रहे हैं, इनको तो पूरा वेतन मिल रहा है और ही उन्हें नियमित किया जा रहा है। यहां तक कि इन कर्मचारियों का ईपीएफ और ईएसआई तक नहीं काटी जा रही है। इसी वजह से ये कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हुए हैं। db
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