** आरटीई के नॉर्म्स के तहत टीचर्स तैनात किए जाएं
** शिक्षा विभाग को करनी पड़ेगी दोबारा पूरी एक्सरसाइज
** विभाग ने 50 बच्चों की क्लास पर एक टीचर का नॉर्म्स बना रखा है
चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात करीब 21 हजार टीजीटी और सीएंडवी टीचर्स के तबादलों में पेंच फंस गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने 28 अक्टूबर शुक्रवार को तबादले करने थे मगर ऐन वक्त पर स्कूलों में बच्चों और टीचर्स के अनुपात पर मुख्यमंत्री कार्यालय और स्कूल शिक्षा विभाग के बीच अलग-अलग मत होने के कारण तबादले नहीं हो सके। जब तक यह पेंच नहीं निकलेगा तब तक तबादले नहीं होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने टीजीटी व सीएंडवी टीचर्स के तबादले करने के लिए ट्रांसफर्स पालिसी के अनुसार संबंधित टीचर्स से आप्शन मांग लिए थे। आप्शन मांगने के लिए दो बार समय भी बढ़ाया गया। आप्शन मांगने के साथ ही शिक्षा विभाग ने शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के माध्यम से स्कूलों में टीचर्स की संख्या तय करने के लिए टीचर्स-स्टूडेंट्स अनुपात 1:50 बनाकर भेज दिया। शिक्षा मंत्री ने इस अनुपात पर कोई आपत्ति नहीं जताई और फाइल हस्ताक्षर करने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास भेज दी। मुख्यमंत्री कार्यालय से फाइल पर लिखा गया कि टीचर्स-स्टूडेंट्स अनुपात 1:35 का रखा जाना चाहिए जो शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निर्धारित है। इस फाइल को भी शिक्षा मंत्री ने हस्ताक्षर कर अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास के भेज दिया। मगर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने फाइल पर लिखा कि आरटीई के नॉर्म्स के तहत अगर टीचर्स-स्टूडेंट्स अनुपात आरटीई के तहत किया गया तो 4000 टीचर्स की अतिरिक्त जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा अगर किसी कक्षा में 40 स्टूडेंट्स हुए तो उसके दो सेक्शन बनाने पड़ेंगे। अगर स्कूल में एक ही टीचर हुआ तो एक सेक्शन के बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे? इसके अलावा शिक्षा विभाग ने जो स्कूलों में टीजीटी और सीएंडवी टीचर्स के पदों की संख्या 1:50 के तहत तय कर टीचर्स से ट्रांसफर्स के लिए आप्शन मांगे हैं। अगर आरटीई के तहत पदों का निर्धारण किया गया तो यह एक्सराइज दोबारा करनी पड़ेगी। जब यह फाइल शिक्षा मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के पास भेजी तो मुख्यमंत्री कार्यालय से फिर वही लिखकर आ गया कि आरटीई के नार्म्स के तहत ही टीचर्स-स्टूडेंट्स अनुपात रखा जाए। इस फाइल के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास के पास पहुंचने के बाद टीजीटी और सीएंडवी टीचर्स के तबादले रोक दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग को यह आपत्ति भी है
स्कूल शिक्षा विभाग को आरटीई के नार्म्स के तहत टीचर्स के रेशनलाइजेशन करने पर यह आपत्ति भी है कि पारदर्शी और सिफारिश रहित करीब 31000 टीचर्स के तबादले हुए हैं और उससे सरकार की जो छवि बनी है, उस पर असर पड़ सकता है। विभाग ने लिखा है चूंकि दसवीं तक के स्वतंत्र स्कूलों में नौंवीं और दसवीं कक्षाओं को टीजीटी टीचर्स ही पढ़ाएंगे इसलिए 1:35 अनुपात पर जिन 4000 अतिरिक्त टीचर्स की जरूरत पड़ेगी, वे विभाग के पास नहीं हैं।
हां, फिलहाल तबादले नहीं हो सकेंगे
"हां, टीजीटी और सीएंडवी टीचर्स के तबादले फिलहाल नहीं हो सकेंगे। विभाग ने 1:50 के तहत रेशनलाइजेशन कर स्कूलों में तबादले के लिए पद तय किए हैं। उसी अनुसार आनलाइन आप्शन मांग रखे हैं। मगर मुख्यमंत्री कार्यालय से जो 1:35 का अनुपात तय किया गया है, उसमें अभी समय लगेगा। पदों का निर्धारण दोबारा करना होगा और उसके बाद फिर से आवेदन मांगने पड़ेंगे।"-- पीके दास, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग, हरियाणा
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