गोहाना : गांव खंदराई स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में शिक्षकों का टोटा
बना हुआ है। स्कूल में 250 बच्चों को पढ़ाने के लिए महज दो ही शिक्षक हैं
और जिनमें से एक पास इंचार्ज की भी जिम्मेवारी है। ऐसे में सर्व शिक्षा
अभियान की पोल खुल रही है। ऐसे में सवाल यह है कि शिक्षकों के बिना बच्चे
कैसे पढ़ें, कैसे बढ़ें।
एमआईएस पोर्टल पर बच्चों का डाटा गलत फीड हो जाने
से पाठशाला के स्कूलों के तबादले हो गए लेकिन नए शिक्षक नहीं आए। शिक्षकों
के अभाव में अधिकतर बच्चे पाठशाला में खाली बैठ कर घर लौट जाते हैं।
शिक्षा
विभाग ने वर्ष, 2014 में खंदराई गांव के राजकीय प्राथमिक पाठशाला व कन्या
प्राथमिक पाठशाला को मिला कर एक स्कूल बना दिया था। स्कूल मर्ज होने के बाद
विभाग ने सभी बच्चों का डाटा ऑनलाइन करने के आदेश दिए। एमआईएस पोर्टल पर
बच्चों को डाटा ऑनलाइन करते समय गलती हो गई। पाठशाला के 250 बच्चों की जगह
महज 50 बच्चों को ही पोर्टल पर ऑनलाइन दिखा दिया गया। उसी आधार पर शिक्षा
विभाग ने सितंबर माह में पाठशाला के छह शिक्षकों की बदली कर दी, लेकिन नए
शिक्षक नहीं भेजे। पाठशाला में अब दो ही शिक्षक होने से बच्चों की पढ़ाई
बाधित हो रही है। बच्चे विद्यालय में खेलकूद कर अपने घर वापस चले जाते
हैं।
अधिकारियों को की जा चुकी शिकायत:
स्कूल इंचार्ज द्वारा पोर्टल पर
बच्चों का ऑनलाइन डाटा संख्या से कम दिखाने के बारे में विभागीय अधिकारियों
से शिकायत की जा चुकी है। वह विभाग के निदेशक, डीईओ, डीपीओ व खंड शिक्षा
अधिकारी को भी सूचित कर चुके हैं। विभागीय साइट पर भी शिकायत की जा चुकी
है। साइट पर बच्चों की संख्या के साथ उनकी नामों की लिस्ट भी डाल दी गई है,
लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।1आठ शिक्षकों की जरूरत: स्कूल में
बच्चों की संख्या 250 हैं। विभागीय नियमों के अनुसार यहां मुख्य शिक्षक के
सहित आठ शिक्षकों की जरूरत है।
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