राजधानी हरियाणा : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शनिवार को पढ़ाई के बजाय सिर्फ एक्टिविटी होंगी। उस दिन बच्चों को बिना बैग स्कूल जाना होगा। उन्हें मनपसंद एक्टिविटी करने का मौका मिलेगा। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर 14 नवंबर से स्कूल शिक्षा विभाग ओवरऑल पर्सनैलिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम लाॅन्च कर रहा है। इस संबंध में सभी जिला अधिकारियों को तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को पढ़ाई के साथ शारीरिक और जनरल अवेयरनेस के तौर पर भी सक्षम बनाना है। उनके पर्सनैलिटी डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जाएगा। इसे 'एक्टिविटी डे' नाम दिया है। सभी बच्चों को पीटी, म्यूजिक, ड्राइंग, पेंटिंग, क्विज, डिबेट, स्पीच और विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में अपनी पसंद के अनुसार भाग लेना होगा। इससे उनमें टीम भावना बढ़ेगी और शारीरिक मानसिक विकास भी होगा।
उन्होंने बताया कि दो दिन पहले ही हरियाणा की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में प्रदेश के सभी स्कूलों में 20 लाख से ज्यादा बच्चों ने मानव शृंखला बनाकर 'हरियाणा एक, हरियाणवी एक' का संदेश दिया था। इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के जरिए भी बच्चों ने हरियाणा की स्वर्ण जयंती को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।
सोशलयूजफुल वॉक भी कराएंगे :
कम्युनिटीडवलपमेंट और अवेयरनेस बढ़ाने के उद्देश्य से 'सोशल यूजफुल वॉक' कार्यक्रम भी डिजाइन किया जा रहा है। इसके तहत बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों को इस दिन अपने गांव या कस्बे के लिए जनरल अवेयरनेस प्रोग्राम के टास्क दिए जाएंगे। उदाहरण के तौर पर मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना। स्वच्छता अभियान के तहत घर, दुकान, स्कूल परिसर आदि को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश घर-घर पहुंचाना। वोटर कार्ड बनवाने, वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने जैसे जन जागरूकता वाले काम सौंपे जाएंगे। इसके साथ ही इन्हें ट्रैफिक नियमों, फर्स्ट एड, बैकिंग गतिविधि जैसे विषयों की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
महीनेमें 2 बार होगा स्कूलों का औचक निरीक्षण :
एजुकेशनक्वालिटी इम्प्रूवमेंट कार्यक्रम के तहत अब महीने में 2 बार स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। इसमें हर बार 200 स्कूल चुने जाएंगे। औचक निरीक्षण एक ही दिन, एक ही समय और एक साथ होगा। इस दौरान कक्षाओं में जाकर बच्चों से पाठ्यक्रम से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे। ये सवाल उसी कोर्स में से होंगे, जो पिछले माह में उन्हें पढ़ाया जा चुका है। अगर बच्चों ने सवालों के सही जवाब दिए तो टीचर, प्रिंसिपल आदि का काम संतोषजनक माना जाएगा। यदि जवाब गलत निकले तो संबंधित टीचर अौर प्रिंसिपल की जिम्मेदारी तय कर उन पर कार्रवाई की जाएगी। एसीएस पीके दास ने बताया कि यह सब इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि पहली बार टीचर्स को उनकी पसंद की जगहों पर भेजा गया है। 7वां वेतन आयोग भी लागू कर दिया है। इसलिए उनसे अपेक्षित परिणाम की भी आशा है। क्वालिटी इम्प्रूवमेंट के तहत डेली डायरी, मंथली टेस्ट और कैचअप जैसे प्रोग्राम पहले से ही चल रहे हैं।
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