** दसवीं तक के विद्यार्थी के वजन का 10 फीसद से अधिक नहीं होगा बैग
अंबाला शहर : प्रदेशभर के किसी भी स्कूल में अब प्री प्राइमरी से प्राइमरी कक्षा तक स्कूल बैग नहीं लगेगा। इसके बाद आपके बच्चे का वजन ही उसके स्कूल बैग का भार तय करेगा। इसके तहत स्कूल बैग का वजन बच्चे के वेट के दसवें हिस्से से ज्यादा नहीं हो सकता। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
सरकार के इस फैसले से जहां विद्यार्थियों को स्कूल बैग के बोझ से निजात मिलेगी, वहीं सीबीएसई और प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी पर भी लगाम कसेगी। निदेशक मौलिक शिक्षा अधिकारी ने इस बाबत प्रदेशभर के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी कर दिए हैं। निदेशक मौलिक शिक्षा अधिकारी ने 20 अक्टूबर को पत्र जारी कर सभी डीईईओ को नई व्यवस्था लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि पहली कक्षा तक कोई भी स्कूल बच्चों से नोटबुक या टेस्ट बुक नहीं मंगवाएगा। वहीं पहली से 10वीं तक के बच्चे के कुल वजन का 10 फीसद से अधिक स्कूल बैग का वजन नहीं होना चाहिए। निदेशालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस बाबत स्कूलों की जांच भी की जाएगी। आदेशों की अनुपालना नहीं करने वाले स्कूल के खिलाफ कार्रवाई होगी।
"इस बारे में कल ही निदेशालय से पत्र जारी हुआ है। सीबीएसई स्कूलों पर इस आदेश से सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। निदेशालय के निर्देशों की हर हाल में अनुपालना कराई जाएगी।"-- धर्मबीर कादियान, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी।
इसलिए लेना पड़ा निदेशालय को निर्णय :
दरअसल, कमीशन के चक्कर में मासूमों के कंधों पर इतना बोझ लाद दिया जाता है कि बच्चे को स्लिप डिस्क, स्पांडिलाइटिस, स्पोंडिलोलिस्थीसि, पीठ दर्द, रीढ़ की हड्डी के कमजोर होने और कूबड़ निकलने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसी कारण सभी स्कूलों को निर्देश जारी करते हुए इन आदेशों की अनुपालना करने के आदेश दिए गए हैं।
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