जींद : प्रदेश सरकार शिक्षा के अधिकार के अधिनियम के तहत लागू होने वाले 35
के बजाय 50 छात्रों के सेक्शन बनाकर टीजीटी शिक्षकों का रेशनेलाइजेशन
करेगी। शिक्षा विभाग द्वारा आरटीइ के तहत 35 छात्र संख्या के सेक्शन की
फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी थी, जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय ने अस्वीकार
कर दिया।
शिक्षक संगठनों ने विभाग से आरटीइ के नियमों के अनुसार शिक्षकों
के रेशनेलाइजेशन करने की मांग की थी, जिसके अनुसार 35 से अधिक छात्र संख्या
होने पर दूसरा सेक्शन बनाने का प्रावधान है। यानी शिक्षक छात्र अनुपात
1:35 रहना चाहिए। शिक्षकों की मांग पर शिक्षा विभाग ने बीते 30 सितंबर 2016
को पांच ¨बदुओं का एक प्रस्ताव बनाकर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
के माध्यम से अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा था।
भेजे गए थे पांच प्रस्ताव
- शिक्षा के मौलिक शिक्षा अधिनियम के तहत अध्यापक-छात्र अनुपात 1:35 करते हुए सेक्शन का आकार 35 छात्रों तक सीमित रखने का।
- किसी विषय के किसी स्कूल में एक से अधिक पद होने पर उनमें से कुछ रिक्तियों को रिजर्व रखने का।
- जिन पदों पर अतिथि अध्यापक नियुक्त हैं, उन पदों को रिक्त न मानने का।
- मौलिक स्कूल हेडमास्टरों के तबादले टीजीटी और सीएंडवी के बाद करने का।
- स्वतंत्र मिडिल स्कूलों में कार्यरत मौलिक स्कूल हेडमास्टरों का कार्यभार घटाकर 24 पीरियड करने का।
चार को मिली
मंजूरी
मुख्यमंत्री कार्यालय ने अध्यापक-छात्र अनुपात 1:35 करने के
प्रस्ताव को छोड़कर अन्य चार प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। उन्होंने
शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि अध्यापक-छात्र अनुपात 1:35 की बजाय 1:50 के
अनुसार रेशनेलाइजेशन किया जाए। इस वजह से गणित, हंिदूी व सामाजिक अध्ययन
के अध्यापकों पर सरप्लस होने व दूरदराज स्थानांतरण होने का खतरा पैदा हो
गया है।
गलत फैसला
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश
मलिक ने सरकार द्वारा शिक्षा विभाग के अध्यापक छात्र अनुपात 01:35 के
अनुसार रेशनेलाइजेशन करने तथा सेक्शन का आकार 35 छात्रों तक ही सीमित रखने
के प्रस्ताव को अस्वीकार करने पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि सरकार व विभाग
को कानून का आदर करना चाहिए। अध्यापक-छात्र अनुपात 1:35 किया जाना शिक्षा
की गुणवत्ता के लिए जरूरी है। वहीं पर एनसीईआरटी व एससीईआरटी के मानदंडों
के अनुसार हंिदूी, अंग्रेजी व गणित के साप्ताहिक पीरियड तय किए जाने चाहिए।
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