नारनौल : पिछले दिनों हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन का एक और कारनामा देखने
में आया। सरकार एक ओर जहां मेहनत करने वाले अभ्यार्थियों के ही चयन का
दावा कर रही है, वहीं हाल ही में जारी हुए परीक्षा परिणाम में सैकड़ों
अभ्यर्थी जो विभाग द्वारा जारी मेरिट सूची में कहीं अधिक अंक लेकर आए हैं,
उन्हें ही कमीशन ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कमीशन का दावा है कि ये
वो अभ्यर्थी हैं, जो परीक्षा देते समय उत्तर पुस्तिका भरने में तकनीकी
त्रुटियां कर आए हैं।
इस संदर्भ में अभ्यर्थियों दीपक नरवाना, सुनीता
भिवानी, किरण हिसार व धर्मवीर यादव रेवाड़ी आदि ने बताया कि एक तरफ सरकार
के चौधरी वीरेंद्र सिंह जैसे बड़े नेता हरियाणा के अभ्यर्थियों का ग्रामीण
पृष्ठभूमि होने का बताकर लिखित परीक्षा ही न लेने की वकालत करते हुए नजर आए
हैं, वहीं कमीशन ने इन अभ्यर्थियों की तकनीकी त्रुटियों को सुधारने की
अपील को खारिज कर देना उचित समझा।
अभ्यर्थियों ने बताया कि यूजीसी स्तर के
राष्ट्रीय कमीशन अपने अभ्यर्थियों की तकनीकी खामियों को मैनवली चेक करा कर
मेहनती अभ्यर्थियों को आगे आने का अवसर देता है, वहीं हरियाणा कमीशन ने
स्वयं को इस विवेकपूर्ण निर्णय से दूर रखते हुए अभ्यर्थियों का भविष्य ही
अंधकारमय करना उचित समझा।
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