.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Monday, 24 October 2016

शिक्षकों को हर हाल में करने होंगे गैर शैक्षणिक काम : हाईकोर्ट

** हाईकोर्ट के फैसले से बीएलओ बनने का विरोध कर रहे शिक्षकों को लगा झटका
चंडीगढ़ : प्रदेश में गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाने का विरोध कर रहे प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षकों से बीएलओ के रूप में कार्य लेने को हरी झंडी प्रदान कर दी। अब शिक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों में नए मतदाताओं की वोट बनाने और पुरानी व फर्जी वोट काटने का काम अनिवार्य रूप से करना पड़ेगा। हाईकोर्ट के फैसले के बाद राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार से कहा कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक काम लेने का मतलब क्वालिटी एजुकेशन के सपने को चकनाचूर करना है।
संघ ने सरकार को सुझाव दिया है कि प्रदेश में पांच लाख युवाओं को रोजगार की जरूरत है और सरकार उन्हें बेरोजगारी भत्ता भी देने को तैयार है। इन युवाओं से बीएलओ का काम लिया जाना चाहिए, ताकि जरूरतमंदों को रोजगार मिले और सरकार को वाहवाही। पानीपत के नरेश कुमार के एक केस पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि शिक्षकों से बीएलओ का काम लिया जा सकता है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा ने भी एक केस हाईकोर्ट में अलग से दायर कर रखा है, लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं आया है। संघ के महासचिव दीपक गोस्वामी का मानना है कि नरेश कुमार के केस में फैसला आने के बाद संघ के केस को मजबूती नहीं मिल पाएगी। बता दें कि प्रदेश में 8893 स्कूल और 27,600 नियमित शिक्षक हैं। इन स्कूलों के 6500 शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी पहले ही लगाई जा चुकी है। शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) में स्पष्ट प्रावधान है कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक काम नहीं लिए जा सकते, लेकिन प्रदेश में शिक्षकों से गैर शैक्षणिक काम लेने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। शिक्षक संघ के राज्य प्रधान विनोद ठाकरान और महासचिव दीपक गोस्वामी के अनुसार राज्य में 563 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें छात्रों की संख्या 1 से 20 तक है। इन स्कूलों में मात्र एक-एक शिक्षक ही कार्यरत है।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.