जींद : डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहे देश में सरकारी व्यवस्था अब भी पुराने ढर्रे पर चल रही है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग के निर्देशों के बावजूद
प्रदेश में पहली से आठवीं कक्षा तक के 27 फीसद बच्चों के बैंक अकाउंट नहीं
खोले जा सके हैं। इनमें सबसे ज्यादा खराब स्थिति दिल्ली से सटे मेवात जिले
की है, जहां अब तक 73.85 प्रतिशत बच्चे इस सुविधा से महरूम हैं। वहीं सबसे
अधिक 96 फीसद बच्चों के बैंक खाते कुरुक्षेत्र जिले में खोले गए हैं। यहां
केवल 3.82 प्रतिशत विद्यार्थी ही बाकी बचे हैं।
प्रदेश में सरकारी स्कूलों
के पहली से आठवीं कक्षा के 15 लाख 7 हजार 689 बच्चों के बैंक खाते खोले
जाने हैं लेकिन अब तक 10 लाख 89 हजार 257 बच्चों के ही खाते खुले हैं। खाते
खोलने में सबसे अव्वल स्थान कुरुक्षेत्र का है। यहां 59745 में से 57465
बच्चों के खाते खोले जा चुके हैं, जबकि मेवात में 1,46574 में से मात्र
38334 बच्चों के ही खाते खुले हैं।
वेतन रोकने के आदेश :
शिक्षा विभाग ने
बैंक खाते नहीं खुलवाने वाले स्कूलों के अध्यापकों के वेतन रोकने के
निर्देश दिए हैं। प्रदेश के कई स्कूलों के अध्यापकों के वेतन रोके भी गए
हैं।
प्रवासियों के खाते खुलवाने में आ रही दिक्कत :
वहीं शिक्षकों की
मानें तो प्रवासी लोगों के बच्चों के बैंक खाते खुलवाने में ज्यादा दिक्कत आ
रही है, क्योंकि उनके पास पहचान के लिए दो पहचान पत्र नहीं है।1 अकाउंट के
लिए दो आइडी जरूरी है, ऐसे में प्रवासी लोगों के बच्चों के खाते नहीं खुल
पा रहे हैं।
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