रेवाड़ी : एक बार फिर उन सरकारी स्कूलों पर सरकार की गाज गिरने वाली है जो मानदंड
पर खरा नहीं उतर रहे हैं। ऐसे स्कूलों से सरकार मुक्ति लेने की तैयारी कर
रही है जहां विद्यार्थियों की संख्या बीस से कम है। मौलिक शिक्षा निदेशालय
द्वारा जिले के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से ऐसे स्कूलों
की रिपोर्ट मांगी गई है जहां विद्यार्थियों की संख्या 20 या इससे कम है।
विभाग ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट तैयार कर रहा है। पहली बार 20 से कम छात्र
संख्या के आदेशों को ठेंगा दिखाने वाले स्कूलों पर गाज गिरना तय है।
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर इन
स्कूलों की रिपोर्ट मंगाई है। पत्र जारी होने के बाद अधिकारी ऐसे स्कूलों
की रिपोर्ट तैयार करने में लगे हुए हैं।
जनवरी में हुए थे सात स्कूल बंद:
इससे पहले मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से इसी वर्ष जनवरी में भी सात
प्राथमिक स्कूलों को बंद किया गया है जहां विद्यार्थियों की संख्या 25 या
इससे कम थी। विभाग की ओर से ऐसे स्कूलों पर एक शिक्षक एक कक्षा कार्यक्रम
के तहत राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला ढाणी सुंदरोज, राजकीय कन्या प्राथमिक
पाठशाला ढवाना, राजकीय कन्या प्राथमिक पाइशाला मंदौला, राजकीय प्राथमिक
पाठशाला जैनाबाद, राजकीय प्राथमिक पाइशाला बालधनकलां, राजकीय प्राथमिक
पाठशाला ढाणी भांडौर तथा राजकीय प्राथमिक पाठशाला कान्हावास शामिल हैं।
इन स्कूलों के विद्यार्थियों को या तो समीपवर्ती अन्य स्कूलों में भेज दिया
गया या फिर कई स्कूलों को गांव के राजकीय उच्च या माध्यमिक विद्यालय में
मर्ज कर दिया गया।
जिले में हैं कई स्कूल:
जिले में आज भी ऐसे कई स्कूल हैं जहां विद्यार्थियों की संख्या 20 या
इससे कम हैं। मंगलवार को ही जिला प्रमुख मंजूबाला ने गांव फिदेड़ी स्थित
राजकीय प्राथमिक पाठशाला का औचक निरीक्षण किया था जहां छह कमरों वाले स्कूल
में विद्यार्थियों की संख्या भी छह थी और दो शिक्षक कार्यरत थे। जिले में
कुल 406 प्राथमिक पाठशालाओं में 31 अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार पहली से
पाचवीं कक्षा में 23508 तथा छठी से आठवीं कक्षा तक कुल 18589 विद्यार्थी
हैं।
"मौलिक शिक्षा निदेशालय के निर्देश पर सभी खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों
के माध्यम से स्कूलों की रिपोर्ट तैयार की गई है। इसके तहत दो प्रकार की
रिपोर्ट मंगाई गई है जहां विद्यार्थियों की संख्या एक से 10 हैं तथा दूसरी
रिपोर्ट 10 से 20 विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों की सूची मंगाई है।
इन स्कूलों को बंद करने या अन्य कार्रवाई से संबंधित कोई दिशा निर्देश नहीं
हैं अभी केवल रिपोर्ट मांगी गई हैं।"-- रामपाल ¨सह सांगवान, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी।
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