** प्रदेश में 150 से ज्यादा संवेदनशील केंद्र, जहां यह व्यवस्था पुख्ता नहीं
** कक्ष निरीक्षक को लिखित प्रमाणपत्र देकर आश्वस्त करना होगा कि उसके कक्ष में नकल सामग्री नहीं है। यदि अंदर कमरे में पर्ची मिलती है तो अध्यापकों की जिम्मेदारी तय होगी।
** स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षा 7 मार्च से, 1621 सेंटर बनाए
रोहतक : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 7 मार्च से 10वीं, 12वीं और ओपन की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। प्रदेश में 1621 सेंटर्स पर लगभग साढ़े 7 लाख स्टूडेंट परीक्षाएं देंगे। इस बार बोर्ड की ओर से नकल रहित परीक्षा के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन आधी-अधूरी पुलिस व्यवस्था के चलते ये सिरे चढ़ते नहीं दिखाई दे रहे हैं। बोर्ड चेयरमैन का मानना है कि दो-दो पुलिसकर्मियों की सेंटर पर तैनाती काफी है, जबकि पुलिस की ओर से कम फोर्स होने का हवाला दिया जा रहा है।
दूसरी ओर सच्चाई यह है कि सेंटर पर दो पुलिसकर्मियों की तैनाती महज खानापूर्ति है। खासकर 150 से ज्यादा संवेदनशील केंद्रों पर तो किसी भी सूरत में यह व्यवस्था काफी नहीं है। दबाव बढ़ने पर एक-दो सेंटर पर सुरक्षा बढ़ा दी जाती है, लेकिन कभी भी शिक्षा, पुलिस विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठकर नकल रोकने के लिए कोई मास्टर प्लान तैयार नहीं किया। इस बार नकल रोकने के लिए सरपंचों से शपथपत्र लिए जा रहे हैं। कुल मिलाकर नकल रोकने की सारी जिम्मेदारी सरपंचों के सिर पर है।
सरपंच यदि 10-15 मौजिज ग्रामीणों की टोली बनाकर परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी देंगे तो 100 प्रतिशत नकल को रोककर बच्चों के स्वस्थ भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। इससे पहले भिवानी के धनाना गांव में इस तरह का प्रयोग हुआ भी है।
गत वर्ष बोर्ड परीक्षाओं के समय भालौठ गांव में बने परीक्षा केंद्र पर नकल कर रहे किलोई से आए परीक्षार्थियों को भालौठ गांव के युवकों ने मना किया तो विवाद इतना बढ़ गया कि इस दौरान एक युवक की जान चली गई थी। हालांकि, गांव के सरपंच बलबीर ने बताया कि वो विवाद युवकों का आपसी मसला था। वहीं इस बार अधिकांश सरपंच युवाओं के साथ बुजुर्गों को अपनी टीम में अधिक शामिल कर रहे हैं।
सरपंचों से लिए शपथ पत्र, पुलिस को धारा 144 लगाने को लिखा पत्र : चेयरमैन
"सभी केंद्रों पर नकलविहीन परीक्षा संपन्न हो, इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। केंद्र प्रभारी कक्ष निरीक्षकों की भी जिम्मेदारी तय की है। ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंचों से नकल रोकने के बाबत शपथपत्र लिए हैं। परीक्षा केंद्रों के आसपास धारा 144 लगाने के लिए पुलिस के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है।"-- डॉ.जगबीर सिंह, चेयरमैन, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड।
ज्यादा पुलिस कर्मियों की तैनाती मुश्किल: एसपी
"शिक्षाविभाग की मांग और मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए नकल रोकने के लिए पुलिस फोर्स दी जाएगी। पुलिस की कमी के चलते हर सेंटर पर दो से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात करना मुश्किल है। ज्यादातर पुलिस स्टाफ की ड्यूटी आरक्षण आंदोलन में लगी हुई है। इसके चलते हर परीक्षा केंद्र पर दो ही जवान तैनात रहेंगे।"-- पंकजनैन, एसपी, रोहतक।
कमरों में नकल रोकने के लिए उठाए कदम
बोर्ड अधिकारियों नेबताया कि इस बार संवेदनशील अतिसंवेदनशील सेंटर्स पर केंद्र अधीक्षक को छोड़कर अन्य टीचर्स को मोबाइल अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा कक्ष निरीक्षक को लिखित प्रमाणपत्र देकर आश्वस्त करना होगा कि उसके कक्ष में नकल सामग्री नहीं है। यदि अंदर कमरे में पर्ची मिलती है तो अध्यापकों की जिम्मेदारी तय होगी। देखने में आता है कि पेपर शुरू होने के चंद मिनट बाद ही वह बाहर जाता है। इसे रोकने के लिए कदम उठाया जा रहा है।
सरपंच बोले- जिम्मा उठाने को तैयार
"केंद्र पर नकल रोकने के लिए 11 सदस्यीय युवा बुजुर्ग की टीम बनाई है। ये टीम परीक्षा केंद्र के बाहर पुलिसकर्मियों के साथ ड्यूटी देगी। यदि कोई नकल पहुंचाने आता है तो उसे शांतिपूर्वक समझाकर वापस लौटाएंगे। हमारे बच्चों का भविष्य में अंधकार में जाए, इसके लिए पूरी तैयारी कर चुके हैं।"-- बलबीर सिंह, सरपंच, भालौठ।
"सेंटर पर दो पुलिस कर्मचारियों की तैनाती काफी नहीं है। इस बारे में पहले भी विभाग को बताया जा चुका है, लेकिन सुरक्षा नहीं बढ़ाई जाती। इस बार ग्रामीण खुद ही 10-15 की टोली बनाकर परीक्षा केंद्र पर बाहरी नकल रोकेंगे, ताकि बच्चों का भविष बेहतर हो सके। इसके बारे में ग्रामीणों से बात की जाएगी।"-- रोशन,सरपंच, गांव चमारिया (संवेदनशील सेंटर)।
उड़नदस्तों की संख्या बढ़ाकर की 250
इस बार बीईओ स्तर पर भी उड़नदस्ते बनाए जाएंगे। पहली बार ओपन की परीक्षा भी बोर्ड की परीक्षाओं के साथ हो रही है। इस वजह से भी मुस्तैदी बढ़ाई गई है। 2015 में जहां 230 उड़नदस्ते बनाए गए थे, वहीं इस बार 250 से ज्यादा उड़नदस्ते होंगे।
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