सिरसा : शिक्षा के नये सत्र में विद्यार्थियों को जब तक नहीं पुस्तकें नहीं
पहुंचती तब तक पुरानी पुस्तकों से ही पढ़ाया जाएगा। जिसके लिए सरकारी
स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों से पुस्तकें वापस ली
जाएगी। इन पुस्तकों को स्कूलों में बुक बैंक के अंदर रखा जाएगा। बुक बैंक
को लेकर शिक्षा विभाग के निदेशक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को पुस्तकें
वापस लेने के लिए निर्देश जारी किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष
विद्यार्थियों को समय पर पुस्तकें उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी थी। जिससे
स्कूलों में तत्परता कार्यक्रम चलाने पड़े। राजकीय स्कूलों में दो साल
पूर्व सर्व शिक्षा अभियान के तहत पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाती थी। शिक्षा
विभाग ने स्कूलों में पुस्तकें उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी हरियाणा स्कूल
परियोजना परिषद को सौंपी थी। एनसीआरटी ने आठवीं कक्षा तक का सिलेबस बदल
दिया है। इसके कारण पुस्तकों को छपवाने में देरी हो गई। शिक्षा विभाग ने
इसकी तरफ समय रहते ध्यान नहीं दिया। जिसका खामियाजा विद्यार्थियों को
भुगतना पड़ा।
निश्शुल्क मिलती हैं पुस्तकें:
राजकीय स्कूलों में पहली से
आठवीं कक्षा तक सभी विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग द्वारा निशुल्क पुस्तक
उपलब्ध करवाई जाती है। जिले में करीब 540 राजकीय प्राथमिक विद्यालय हैं और
122 राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं। इन सभी सरकारी स्कूलों में जिले के 50
हजार के करीब विद्यार्थी शिक्षा लेते हैं। इस नए सत्र में इस योजना से लाभ
मिलेगा। इन सभी विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग की ओर से निश्शळ्ल्क ये
किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं।
"सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों
से पुस्तकें वापस ली जाएगी। इन पुस्तकों को बुक बैंक में रखा जाएगा। जिससे
दूसरे विद्यार्थी को समय पर पुस्तकें मिल सके। इसके लिए विद्यार्थियों को
किताबें संभालकर रखने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।"-- डॉ. यज्ञदत्त वर्मा,
डीईओ सिरसा।
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