पानीपत : फतेहाबाद के
गांव नागपुर के सीनियर सेकंडरी स्कूल में 34 शिक्षकों में से 17 पद खाली
हैं। हाल ही में नौ अध्यापकों का तबादला भी हो गया और स्कूल को मिला िसर्फ
एक। अंग्रेजी के तो चार पदों पर एक भी लेक्चरर नहीं है। ऐसे में बोर्ड
परीक्षाओं की तैयारियों में बच्चे पिछड़ जाएं, गांव की सरपंच सुनीता दो माह
से खुद 11वीं और 12वीं के लगभग 500 छात्र-छात्राओं को इंिग्लश पढ़ा रही
हैं। यही नहीं, इंग्लिश हिस्ट्री में एमए, बीएड सुनीता बच्चों को अपने घर
पर भी पूरा वक्त देती हैं। कोई भी छात्र जब चाहे, सरपंच से स्टडी से जुड़ा
कुछ पूछ सकता है। छठी से 12वीं तक के इस स्कूल में 30 गांवों के करीब 1300
बच्चे पढ़ते हैं।
प्रिंसिपल िवजय कुमार ने बताया स्कूल में 22
लेक्चरर्स में 9 ही कार्यरत हैं। मैथ, हिस्ट्री, इकॉनोमिक, हिंदी पंजाबी के
लेक्चरर्स की भी कमी है। इस तरह छठी से 8वीं तक के 12 शिक्षकों में चार पद
खाली हैं। 5-6 माह में 9 लेक्चरर्स ट्रांसफर हो चुके हैं, जबकि स्कूल को
मात्र एक िशक्षक ज्योग्रॉफी का मिला। शिक्षकों की कमी को लेकर सरपंच भी
डीईओ से िमल चुकी हैं लेिकन जब कोई हल नहीं िनकला तो उन्हें खुद ही बच्चों
की क्लास लेनी शुरू कर दी। 10वीं तक के बच्चों की इंिग्लश अन्य टीचर
जैसे-तैसे पढ़ा लेते हैं, खास दिक्कत 11वीं 12वीं के छात्रों को हो रही है।
छात्राओं
की सुरक्षा को लेकर सरपंच ने स्कूल के मुख्य गेट पर सीसीटीवी लगाए हैं।
इन्हें अपने मोबाइल से कनेक्ट किया हुआ है ताकि स्कूल के बाहर असामाजिक
तत्वों पर नजर रखी जा सके। कहीं भी कुछ संदिग्ध पाया जाता है तो वह
शिक्षकों को फोन पर सूचना देती हैं। जिला प्रशासन ने सरपंच सुनीता को रोल
मॉडल भी बनाया हुआ है। वह स्कूलों में जाकर छात्राओं से मन की बात करती है।
उनकी समस्याएं पूछती हैं। छात्राओं को उनके अधिकार बताती हैं, उन्हें आगे
बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
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