सिरसा : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ सिरसा (सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा) की ओर से
सीनियर अध्यापकों को पदोन्नति सूची में शामिल किए बिना ही पदोन्नति आदेश
जारी करने का विरोध किया गया।
जिलाध्यक्ष बूटा सिंह व जिला सचिव गुरमीत सिंह ने बताया कि जिला के सैकड़ों
ही ऐसे वरिष्ठ हिंदी एवं पंजाबी अध्यापक हैं, जिनका पदोन्नति सूची में नाम
नहीं आया, जबकि उनसे कनिष्ठ अध्यापकों के पदोन्नति आदेश भी जारी कर दिए
गये हैं।
सिरसा जिला से हिंदी के 3 व पंजाबी के मात्र एक अध्यापक का नाम पदोन्नति
सूची में आया है। एक तरफ तो 2013 में नियुक्त अध्यापकों के पदोन्नति आदेश
जारी कर दिए लेकिन 1998 में नियुक्त अध्यापकों को छोड़ दिया।
शिक्षा विभाग ने 11 फरवरी को लिस्ट जारी करके पदोन्नति मामले मांगे थे जोकि
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा प्रमाणित करके भेजने थे। लेकिन अब उस
सूची में शामिल वरिष्ठ अध्यापकों को दरकिनार करते हुए जूनियर के पदोन्नति
आदेश जारी कर दिए।
गत वर्ष भी मास्टर वर्ग से पी.जी.टी. पदोन्नति सूची जारी करते समय भी ऐसा
किया गया था। अब तक भी सीनियर मास्टर पदोन्नति से वंचित हैं।
‘प्रमोशन सूची में भारी अनियमितताएं’
वरिष्ठ उप प्रधान सुनील यादव ने कहा कि इस पदोन्नति सूची में भारी
अनियमितताएं हैं। अध्यापक संघ इन सभी मुद्दों को लेकर 26 फरवरी को सिरसा के
चौधरी देवीलाल पार्क में धरना देगा व हरियाणा सरकार को ज्ञापन देकर मांग
की जाएगी कि सीनियर अध्यापक जो पदोन्नति से वंचित रह गये हैं, उन सब की
पदोन्नति सूची जारी करके नये सिरे से काउंसलिंग के माध्यम से स्टेशन दिए
जाएं, जो अध्यापक शैक्षिक आधार पर पदोन्नति नहीं लेना चाहते उन्हें
जबरदस्ती कार्यभार मुक्त न किया जाए।
‘फैसले को ही पलट दिया’
बूटा सिंह व जिला सचिव गुरमीत सिंह ने बताया कि गत 27 जनवरी 2017 को इन
मुद्दों पर अध्यापक संघ के शिष्टमंडल की निदेशक माध्यमिक शिक्षा से भी
बातचीत हुई। उन्होंने यह आश्वासन दिया था कि जो पदोन्नति मामले किन्ही
कारणों से अधूरे रह गये थे, उनकी सूची शीघ्र जारी कर दी जायेगी। उन्होंने
उसके बाद सभी को ऑनलाइन कौंसलिंग के माध्यम से स्टेशन देने की बात कही थी,
लेकिन अब उस फैसले को पलटते हुए पदोन्नति आदेश जारी करके स्टेशन अलाट कर
दिए। यह सीनियर अध्यापकों के साथ बहुत ही अन्याय है।
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