कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय
कार्यकारिणी परिषद की बुधवार को केयू कुलपति की अध्यक्षता में हुई बैठक
में 2009 से पहले पीएचडी करने वाले आवेदकों को कुछ शर्तों के साथ असिस्टेंट
प्रोफेसर पद के लिए योग्य घोषित कर दिया है। इससे पीएचडी करने वाले भी अब
असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए आवेदन कर पाएंगे।
कार्यकारिणी परिषद ने
विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के लिए यूजीसी के
तहत नियमों में बदलाव को भी मंजूरी दी। अब इस पद के लिए योग्य उम्मीदवार
को विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार नियुक्ति मिलेगी।
इसके लिए आवेदकों के 30 अंक शैक्षणिक उपलब्धियों, 30 अंक डोमेन नॉलेज के
लिए निर्धारित किए गए हैं। डोमेन नॉलेज में 25 अंकों की लिखित परीक्षा पांच
अंकों की प्रेजेंटेशन होगी। इसके अलावा 20 अंक शोध में योगदान के लिए 20
अंकों का साक्षात्कार होगा।
केयू के डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. अनिल
वोहरा ने बताया कि 2009 से पहले पीएचडी करने वाले आवेदकों के लिए
डिपार्टमेंट सर्च कमेटी से शोध का विषय अप्रूव होने, ओपन वाइवा, रिसर्च
जनरल में पेपर पब्लिश, कोर्स वर्क और सेमीनार की शर्तें निर्धारित की गई
हैं।
डीन कमेटी के आधार पर लिया फैसला
केयूकुलपति
डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि यूजीसी की गाइडलाइन को लागू करने के लिए
प्रशासन ने डीन कमेटी बनाई थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर 2009 से पहले
पीएचडी करने वाले आवेदकों को पांच शर्तों के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर लगने
के लिए योग्य माना गया है।
अब शिक्षक कर पाएंगे फार्म सत्यापित
कार्यकारिणीपरिषद
ने विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए सभी शिक्षकों को फार्म सत्यापित
करने की मंजूरी दी है। कार्यकारिणी के फैसले के बाद विद्यार्थी किसी भी
विभाग में शिक्षकों से अपने फार्म सत्यापित करवा सकेंगे। बैठक में
कार्यकारिणी परिषद के पिछले फैसलों पर भी मुहर लगाई है। साथ ही विभिन्न
विभागों में नियुक्तियों के लिए चयन समिति के पैनल को अनुमति दी है। बैठक
में मेडिकल आफिसर डॉ. आशीष अनेजा की अनुबंध के आधार पर दोबारा नियुक्ति की
है। कुंजपुरा गांव स्थित करनाल डिग्री कॉलेज यमुनानगर के गुर्जर कन्या
गुरुकुल महाविद्यालय को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से संबद्धता प्रदान की।
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