** स्वीकृत पदों पर कार्यरत दो हजार शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों को फायदा
चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में तैनात स्टॉफ को
शिक्षा विभाग ने अपने अधीन ले लिया है। प्रदेश सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी
दे दी है। फैसले से जहां स्वीकृत पदों पर काम कर रहे करीब दो हजार
शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों को फायदा होगा, वहीं अस्वीकृत पदों पर
काम कर रहे करीब पांच हजार कर्मचारियों पर तलवार लटक गई है। साथ ही स्कूलों
की मनमानी बढ़ने के आसार हैं। दैनिक जागरण ने इस संबंध में पहले ही खुलासा
कर दिया था जिस पर सरकार ने मुहर लगा दी।
प्रदेश में इस समय 200 सरकारी
सहायता प्राप्त स्कूल हैं। इन स्कूलों का संचालन सामाजिक संस्थाओं और
प्रबंध समितियों के अधीन है। इन स्कूलों में तैनात स्टाफ को 75 फीसद वेतन
सरकार देती है, जबकि 25 फीसद तनख्वाह प्रबंध समितियों को देनी पड़ती है। अब
इन कर्मचारियों को पूरे वेतन और भत्तों का भुगतान सरकार करेगी। इससे पहले
नवंबर 2013 में हुड्डा सरकार में भी इन स्कूलों को सरकार के अधीन किए जाने
का भरोसा दिलाया गया था, मगर अफसरशाही के टांग अड़ाने की वजह से मामला लटक
गया था।
शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के अनुसार अब मुख्यमंत्री
मनोहर लाल ने इन स्कूलों के स्टॉफ को स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन करने के
लिए हरियाणा वालंटरी स्टेट एजुकेशन सर्विस रूल्स, 2017 को स्वीकृति दे दी
है। पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व राजस्थान में यह नीति पहले
से लागू है। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के सरकार के अधीन नहीं होने की
स्थिति में इनमें पढ़ने वाले करीब डेढ़ लाख बच्चों का भविष्य दांव पर लग
सकता है।
स्टाफ स्कूल प्रबंधन समितियों के हवाले
सरकार के फैसले से अस्वीकृत
पदों पर काम कर रहे करीब पांच हजार शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारी पूरी तरह
से प्रबंध कमेटियों के रहमो-करम पर होंगे। इन कर्मचारियों को पिछले कई माह
से वेतन तक नहीं मिला है, जिससे इनके समक्ष भूखे मरने की नौबत आ गई। कई
स्कूल तो ऐसे हैं, जिनमें 20 माह से वेतन नहीं मिलने की सूचना है।
ज्यादातर स्कूलों में वेतन के रूप में किए गए भुगतान में से आधी राशि वापस
लेकर इनके हकों पर डाका डाला जा रहा है।
"सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में काम करने
वाले शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कार्यों से जुड़े कर्मचारी कई वषों से शिक्षा
विभाग के अधीन किए जाने की मांग कर रहे थे। वर्तमान सरकार ने उनको अपने
अधीन करने का निर्णय ले लिया है। इससे हजारों कर्मचारियों को फायदा
होगा"-- रामबिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री, हरियाणा
"सरकारी सहायता प्राप्त
स्कूलों में तैनात स्टॉफ को शिक्षा विभाग के अधीन लाने का कदम स्वागत योग्य
है। इससे यहां काम कर रहे शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों के हितों से
खिलवाड़ बंद होगा। गैर स्वीकृत पदोंे पर कार्यरत कर्मचारियों को भी इसका
लाभ दिया जाना चाहिए"-- राजेंद्र शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, हरियाणा सरकारी
सहायता प्राप्त स्कूल अध्यापक संघ
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