** डिजिटल इंडिया कैंपेनिंग को बढ़ावा देना उद्देश्य
सिरसा: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा से
जोड़ने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से नई कार्ययोजना तैयार की गई है। योजना
ऐसी कि वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया के जमाने में विद्यार्थी
नैतिक शिक्षा से जुड़े रहें। 1इसके तहत विभाग ने सरकारी स्कूलों में नैतिक
शिक्षा देने के लिए ई-बस्ता पोर्टल लांच किया है। इस पोर्टल को ई-लाइब्रेरी
के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। शिक्षा विभाग के निदेशक ने नैतिक शिक्षा
की पुस्तकें नि:शुल्क बेसिक पेमेंट पर इस पोर्टल पर अपलोड करने को कहा है।
नैतिक शिक्षा से जोड़ना मकसद
ई-बस्ता पोर्टल से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य
प्रदेश के युवाओं को नैतिक शिक्षा की ओर से ले जाना है, ताकि युवा आधुनिकता
की दौड़ में नैतिक शिक्षा का महत्व न भूलें। शिक्षा विभाग के निदेशक (युवा
एवं खेल अधिकारी) की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि डिजिटल इंडिया
कैंपेनिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे पोर्टल पर
विभिन्न पुस्तकों के माध्यम से विद्यार्थियों को आचरण, दिनचर्या नैतिक
मूल्यों का अध्ययन करेंगे।
अध्यापक करेंगे मार्गदर्शन
सरकारी स्कूलों में
नैतिक शिक्षा देने के लिए अध्यापक मार्ग दर्शन करेंगे। वहीं स्कूलों में
समय-समय पर नैतिक शिक्षा के बारे में कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।
इससे विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा से जोड़ा जा सके। बता दें कि सरकारी
स्कूलों में नैतिक शिक्षा देने के लिए पीरियड भी लगाए जा रहे हैं।
"सरकारी स्कूलों में ई-बस्ता पोर्टल पर नैतिक शिक्षा उपलब्ध
कराने से युवाओं में नैतिक शिक्षा का महत्व बढ़ेगा। विद्यार्थियों आधुनिक
समय में नैतिक शिक्षा देना बहुत जरूरी है। विद्यार्थी आज स्कूलों से जाने
के बाद सोशल मीडिया में लग जाते हैं। जिससे वह अपने अंदर संस्कार भूलते जा
रहे हैं।"-- डॉ. यज्ञदत वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, सिरसा।
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