कुरुक्षेत्र : बीएएमएस विद्यार्थियों को अब प्रथम वर्ष में फेल होने पर
उनको दोबारा से उसी कक्षा में साल नहीं गुजारना होगा। ऐसे विद्यार्थी अब
अगली कक्षा में बैठ पाएंगे। इतना ही नहीं प्रथम वर्ष में अनुत्तीर्ण होने
वाला विद्यार्थी द्वितीय वर्ष की परीक्षा भी दे पाएंगे। भारतीय चिकित्सा
शिक्षा विनियम, 2016 के संशोधन के बाद भारत सरकार ने ऐसे विद्यार्थियों को
तृतीय वर्ष तक कक्षा में बैठने का मौका दे दिया है। हालांकि ऐसे विद्यार्थी
तब तक तृतीय वर्ष की परीक्षा नहीं दे पाएंगे, जब तक वे प्रथम वर्ष की
परीक्षा में उत्तीर्ण न हो जाएं। इस नए संशोधन पर पंडित भगवद दयाल शर्मा
मेडिकल विश्वविद्यालय ने प्रदेश भर के कॉलेजों से प्रतिक्रिया मांगी है। यह
पत्र पिछले हफ्ते श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में भी पहुंचा
है। बता दें कि पहले ऐसे विद्यार्थियों को तब तक अगली कक्षा में बैठने की
अनुमति नहीं थी जब तक वे पिछली परीक्षा को उत्तीर्ण न कर लें। इसके तहत दो
से अधिक परीक्षाओं में असफल रहने वाले विद्यार्थियों को प्रथम वर्ष में
पूरी तरह से अनुत्तीर्ण माना जाता था। ऐसे विद्यार्थी को दोबारा से बीएएमएस
के प्रथम वर्ष की कक्षा में बैठना पड़ता था और इसमें उत्तीर्ण होने के बाद
ही उसे अगले वर्ष में बैठने का मौका मिलता था। मगर अब ऐसा नहीं होगा। ऐसे
विद्यार्थियों को अब तृतीय वर्ष तक मौका दिया जाएगा। इसके अलावा एक और बड़ी
तबदीली संशोधन के दौरान की गई है।
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