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Monday, 27 February 2017

पर्यवेक्षण रिपोर्ट : मात्रा, स्पेलिंग से लेकर मैथ के सवाल समीकरणों में उलझते हैं छोटे बच्चे

** हिन्दी में सीख रहे आसानी से, साइंस विषय अंग्रेजी गणित से आसान, सुधार की जरूरत
** कक्षावार रिपोर्ट : तीसरी कक्षा को सबसे कम ग्रेड
रेवाड़ी : हिंदी विषय में विद्यार्थी सबसे अच्छी पढ़ाई कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षण स्तर सुधारने के लिए किए गए पर्यवेक्षण की ओवरऑल रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। ज्ञान के स्तर के हिसाब से देखें तो अंग्रेजी गणित विषय विद्यार्थियों के लिए कठिन हैं। प्राइमरी पर शब्द ज्ञान, मात्राओं स्पेलिंग लिखने आदि में बच्चों का समस्या रही। 
वहीं अपर प्राइमरी में गणित के सवालों में बच्चे गुणा, भाग, प्रतिशत तो उच्च स्तर पर अंग्रेजी साइंस के समीकरणों में बच्चे उलझते दिखे। सीनियर सेकेंडरी में कॉमर्स और आर्ट्स में तो फिर भी बच्चों का ठीक प्रदर्शन रहा, लेकिन साइंस में विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर कम रहा। हालांकि ओवरऑल रेटिंग संतोषजनक रही तो कई विषयों में सुधार करने की जरूरत है। 
रिपोर्ट के अनुसार हिन्दी विषय को 3.7, अंग्रेजी 3.3, मैथ 3.4, विज्ञान में 3.5, सामाजिक विज्ञान में 3.6, इतिहास अर्थशास्त्र में 4-4 रेटिंग मिली। शिक्षा निदेशालय के निर्देशानुसार डीईओ समेत अन्य शिक्षा अधिकारियों ने 17 फरवरी को जिले के 11 स्कूलों का पर्यवेक्षण किया था। जिसमें ऑड कक्षाओं 1, 3, 5, 7, 9 11वीं बच्चे शामिल थे। अधिकारियों ने बच्चों से जनवरी माह में पढ़ाए गए सिलेबस के आधार पर टेस्ट लिया सवाल-जवाब किए। पर्यवेक्षण में जिले की ओवरऑल रेटिंग 3.53 आई है, इसमें सबसे कम कक्षा तीसरी की 3.1 है सबसे ज्यादा कक्षा 11वीं की 3.9 है। बता दें कि इससे पहले 16 दिसंबर को ऑड कक्षाओं 20 जनवरी को इवन कक्षाओं का पर्यवेक्षण भी किया जा चुका है। 
कामर्स-आर्ट्स से ज्यादा कठिन विज्ञान 
सरकारीस्कूलों में 11वीं कक्षा के साइंस फैकल्टी के विद्यार्थी कामर्स आर्ट्स के विद्यार्थियों से भी पीछे है। पर्यवेक्षण की रिपोर्ट में कामर्स संकाय में विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर को 3.9 ग्रेड मिला, तो आर्ट्स संकाय में 3.8 ग्रेड मिला। वहीं साइंस फैकल्टी में विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर 3.3 ग्रेड रहा। 
शैक्षणिक स्तर में हो रहा सुधार 
"पर्यवेक्षण में विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर का आंकलन किया गया। जिसमें पिछले दो टेस्टों के मुकाबले शैक्षणिक स्तर में काफी सुधार मिला। जिन स्कूलों में कम स्तर मिला वहां सुधार करने बेहतर रिपोर्ट वाले स्कूलों को लगातार बनाए रखने को प्रेरित किया। आगे भी निरीक्षण किया जाएगा।"-- धर्मबीर बल्डोदिया, डीईओ 
पर्यवेक्षण में बच्चों के रिजल्ट के आधार पर विषय कक्षा अनुसार स्कूलों की रिपोर्ट तैयार की गई ग्रेड दिए गए। कक्षावार रिपोर्ट में तीसरी को सबसे कम (3.1) ग्रेड मिला। जबकि कक्षा 11वीं आर्ट्स में 3.9, पहली में 3.4, पांचवीं में 3.3, 7वीं में 3.6, 9वीं में 3.7 रहा। हालांकि शिक्षा कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार सभी स्कूल एक्सीलेंट कैटेगरी में शामिल हुए।  

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