कुरुक्षेत्र : सरकार द्वारा घोषित की गई कच्चे कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी मात्र
खानापूर्ति है। यह ऊंट के मुंह में जीरा भी नहीं है। सरकार ने ऐसा करके
केवल मात्र कच्चे कर्मचारियों का मजाक बनाया है। सरकार ने सुप्रीमकोर्ट के
उन आदेशों की सरेआम अवहेलना की है जिसमें कच्चे कर्मचारियों को भी समान
काम करने पर एक नियमित कर्मचारी के समान ही वेतन देने का आदेश दिया गया है।
यह बात हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश प्रवक्ता राजेश शर्मा ने कही।
उन्होंने अतिथि अध्यापकों के लिए की गई वेतन बढ़ोतरी की सिफारिशों को
हास्यास्पद बताते हुए कहा कि सातवें वेतन आयोग के बाद एक नियमित अध्यापक के
वेतन में भारी वृद्धि हुई है जबकि अतिथि अध्यापकों का वेतन बढ़ोतरी के बाद
भी इनकी तुलना में आधे से भी कम है ।
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