** कंप्यूटर साइंस में 57 फीसद अंक तो पर्यावरण विभाग में कोई योग्य नहीं
** कुलपति ने कहा, जांच जारी है, शिक्षकों की भी होगी जांच
हिसार : गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में
शुक्रवार को दोबारा ली गई पीएचडी परीक्षा में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए
हैं। पूर्व में जो छात्र पर्यावरण विभाग में पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में
99 फीसद के साथ टॉपर रहा था, वह दोबारा हुई प्रवेश परीक्षा में 33 फीसद
अंक भी हासिल नहीं कर सका।
अहम बात यह रही कि पर्यावरण विभाग में कोई भी
छात्र 50 फीसद अंक भी नहीं ला पाया है, जिस कारण कोई भी प्रवेश के योग्य
नहीं है। इसके अलावा कंप्यूटर साइंस विभाग में छात्र 57 फीसद से अधिक अंक
नहीं ले सके। ऐसे में 10 जनवरी को हुई पीएचडी की पहली प्रवेश परीक्षा में
पेपर लीक व गड़बड़ी की संभावना प्रबल हो गई है। ऐसे में पूर्व में एग्जाम
सेट करने वाले शिक्षक व अन्य अधिकारियों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
1इस बारे में कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने स्पष्ट कहा कि पीएचडी मामले
में जांच बंद नहीं हुई है। शिक्षक से लेकर छात्र को जांच के दायरे में रखा
जाएगा। इस मामले में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
इस कारण उठे थे सवाल :
10 जनवरी को विश्वविद्यालय
में पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा हुई थी। इस दौरान कंप्यूटर साइंस एंड
इंजीनियरिंग में एग्जाम ब्रांच से संबंध रखने वाले अधिकारी ने 80 से ज्यादा
अंक प्राप्त किए थे। साथ ही गुजवि के धार्मिंक संस्थान में पीआरओ ने भी 80
से ज्यादा अंक प्राप्त किए थे। इसके अलावा पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग में
99 फीसद अंक लेने वाला छात्र एक शिक्षक का करीबी था। इस पर छात्र संगठनों
ने आपत्ति जताते हुए कुलपति को शिकायत दी थी। कुलपति ने जांच करवाई। जांच
के बाद कम्प्यूटर साइंस और पर्यावरण विभाग की पीएचडी प्रवेश परीक्षा दोबारा
करवाने के आदेश हुए। वहीं पीआरओ को क्लीन चिट दे दी गई।
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