एग्जाम अलर्ट : आठवीं की परीक्षा देनी होगी तभी होगा नौवीं में दाखिला
सोनीपत : जो विद्यार्थी आठवीं की पढ़ाई के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे थे और सोच रहे थे कि राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत फेल तो होना नहीं है, दाखिला भी नौवीं कक्षा में हो ही जाएगा वे यह गलतफहमी इस बार अपने दिमाग से निकाल दें। क्योंकि शिक्षा विभाग ने तय किया है कि वार्षिक परीक्षा में विद्यार्थियों का प्रदर्शन ही अगली कक्षा में उनके प्रवेश का आधार बनेगा। एेेसे में अगर विद्यार्थी उत्तीर्ण होगा तभी वह नौवीं कक्षा का हिस्सा बनेगा, नहीं तो फिर उसे आठवीं की तैयारी करनी होगी। शिक्षा विभाग ने यह फैसला लगातार खराब हो रहे रिजल्ट को देखते हुए लिया है। इस बारे में स्कूल मुखियाओं को अवगत करवाया।
विद्यार्थियोंकी होगी ग्रेडिंग :
शिक्षाविभाग की ओर से विद्यार्थियों को अभी भी फेल नहीं लिखा जाएगा, उसकी जगह पर ग्रेड दिया जाएगा। इसी ग्रेडिंग में विद्यार्थी का मूल्यांकन हाेगा। अब प्रश्न पत्र भी शिक्षा विभाग की ओर से भेजे जाएंगे।
पहले थी यह व्यवस्था, उठाया गलत फायदा
8वीं तक फेल नहीं किए जाने से स्टूडेंट्स और टीचर्स पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लेते थे। एग्जाम में अनुपस्थित रहने के बाद भी उन्हें अगली क्लास के लिए प्रमोट कर दिया जाता था। विभाग ने पाया कि पिछले सेशन में 30 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने एग्जाम नहीं दिया और अगली क्लास में कर दिए गए।
परीक्षा के बाद समीक्षा :
परीक्षाके बाद शिक्षा विभाग समीक्षा करेगा। इसके लिए सभी स्कूल के प्रत्येक क्लास से एक-एक आंसरशीट मंगवाई जाएगी। इससे उनकी लर्निंग लेवल का भी आकलन ठीक से हो पाएगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि स्कूल बोर्ड की तरफ से भेजे जा रहे प्रश्न पत्र से ही स्कूल एग्जाम करवा रहे हैं।
सिलेबस कवर नहीं हो पाता
"8वीं तक स्टूडेंट को फेल नहीं किया जाता, लेकिन 9वीं में जाने पर विद्यार्थी सिलेबस कवर नहीं कर पाते हैं। इसका असर बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट पर पड़ता है। ''-- जिले सिंह शर्मा, डीईओ, सोनीपत।
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