नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा विदेश में
संचालित होने वाले अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम की पढाई सीबीएसई अब बंद
होगी। इसे बंद करने के पीछे ग्लोबल स्टैंडर्ड के रीडिंग मेटीरियल की
उपलब्धता न होना बताया जा रहा है।
सीबीएसई द्वारा पिछले दिसंबर को हुई
गवर्निग बॉडी की मीटिंग में बोर्ड ने इस बाबत बातचीत की थी इसके अलावा ओपन
टेक्स्ट बेस्ड असेसमेंट (ओटीबीए) को लेकर भी चर्चा हुई थी। सीबीएसई का
इंटरनेशनल करिकुलम से करीब देश के और विदेश के 75 स्कूलों पर असर पड़ेगा।
2010 में सीबीएसई ने इसे शुरू किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार
गुणवत्तापरक पाठ्य सामग्री नहीं मिलने की काफी शिकायतें आ रही थीं। इसके
बाद बोर्ड ने 2017-18 सेशन में इस कोर्स के स्टूडेंट्स को मुख्य पाठ्यक्रम
में स्थानांतरित कर दिया है।
इसके अलावा सीबीएसई ने कक्षा 9 और 11 के लिए
ओपन बुक परीक्षा भी अगले सत्र से बंद करने का फैसला लिया है। सीबीएसई ने दो
साल पहले यह सुविधा दी थी। ओपन टेक्स्ट बेस्ड असेसमेंट (ओटीबीए) को बोर्ड
ने क्लास 9 के लिए हिंदी, इंग्लिश, मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस के फाइनल
एग्जाम और क्लास 11 के इकनॉमिक्स, बायोलॉजी और ज्योग्राफी के लिए मार्च
2014 से लागू किया था।
दिव्यांगों को मिलेगी अधिक सहूलियतें :
पिछले साल
28 दिसंबर को राइट्स ऑफ र्पसस विद डिसेबिलिटीज एक्ट 2016 के नोटिफिकेशन में
21 तरह की अक्षमताओं की जानकारी देते हुए 1सीबीएसई ने इन दिव्यांग छात्रों
को 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में अधिक समय के साथ कुछ और सहूलियतें दी
हैं। सीबीएसई ने दृष्टिबाधित, स्पैस्टिक, शारीरिक रूप से अक्षम,
डिस्लेक्सिया, ऑटिज्म व अन्य तरह की अक्षमता वाले छात्रों को अधिक समय के
साथ विशेष केंद्र भी देने का फैसला किया है।
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