** अजब व्यवस्था की गजब बानगी देख विभाग अचंभित
फतेहाबाद : इस बार सभी सरकारी स्कूलों के इंचार्ज सहित शिक्षकों को अपने
आसपास क्षेत्रों में घूम-घूमकर बच्चों के अभिभावकों को इस बात के प्रेरित
करना था कि वह अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाए। लेकिन
अभियान समाप्त होने के बाद आई रिपोर्ट ने विभाग में हड़कंप मचा दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष प्रदेश के 407 स्कूलों में नये सत्र में एक भी
नया दाखिला नहीं हुआ। लिहाजा, वरिष्ठ अधिकारियों को स्कूलों में जाकर जांच
करने के निर्देश जारी किये गए हैं। हालांकि शिक्षक संगठन इस रिपोर्ट पर ही
सवाल उठा रहे हैं। दरअसल, प्रवेश उत्सव की गहमागहमी के बावजूद उदासीनता की
जानकारी अप्रैल माह खत्म होने के बाद जारी हुई एमआइएस पोर्टल की रिपोर्ट से
हुआ है।
शिक्षा विभाग को मिली रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के प्राइमरी,
मिडिल तथा दो हाई स्कूलों में अब तक एक भी नया दाखिला नहीं हुआ। बता दें
कि नियमानुसार स्कूलों को दाखिला के साथ ही इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग के
एमआइएस पोर्टल पर देनी होती है। इसके बावजूद 407 स्कूलों ने अभी तक कोई
रिपोर्ट नहीं दी है। जाहिर तौर पर ये स्कूल संदेह के घेरे में
हैं।
"एमआइएस पर कुछ
स्कूल शून्य दाखिला दिखा रहे हैं। निदेशालय की तरफ से जांच के निर्देश आए
हैं। सूची के अनुसार कुछ स्कूल मर्ज हो चुके हैं। कुछ चल रहे हैं। जो चल
रहे हैं उन्होंने क्यों नहीं एमआइएस पर चढ़ाया है। इसकी जांच की
जाएगी।"-- दयानंद सिहाग, उप जिला शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद
"नए दाखिलों को लेकर
अभियान भी चलाए गए थे। ऐसा न होना मेरी जानकारी में नहीं है। पता करवाऊंगी
कि ऐसा क्यों दर्शा रहा है।"--संतोष हुड्डा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी,
हिसार।
जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को यह पता
करने के निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में शून्य दाखिले क्यों है। अगर हुए
हैं तो उन्हें एमआइएस पर क्यों नहीं चढ़ाया गया है। स्कूलों में जाकर मौके
की स्थिति जांचे। एक सप्ताह के अंदर इसकी रिपोर्ट मुख्यालय कों दें। मालूम
हो कि शिक्षा विभाग ने दाखिलों की गड़बड़ी को रोकने के लिए एमआइएस पोर्टल
शुरू किया था। इसके लिए स्कूलों को पासवर्ड व लॉग इन दिए गए हैं।
शिक्षकों
ने रिपोर्ट पर ही उठाए सवाल
रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद जहां अफसरों
में हड़कंप है, वहीं शिक्षक इस रिपोर्ट पर ही सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना
है कि अगर रिपोर्ट सही हो तो तथ्य इसके विपरीत होंगे।
शिक्षक
संगठनों का तर्क
- एमआइएस पोर्टल पर पूरी तरह से डाटा अपडेट नहीं है। इसलिए स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
- इनमें से कई ऐसे स्कूल है जो अब दूसरे में मर्ज हो चुके हैं।
- मोरनी ब्लॉक पहाड़ी स्कूलों में सबसे कम हुए दाखिले
- कई ऐसे स्कूल भी हैं जहां एक ही अध्यापक है। वहां अभिभावक बच्चे कम भेज रहे हैं।
- ढाणियों के स्कूलों में भी बच्चे कम पहुंच रहे हैं, बजह वहां सुविधा नहीं है।
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