जिलेभर में कुल 550
अतिथि अध्यापक हैं। जिनमें से 220 अतिथि अध्यापक जेबीटी के पदों पर कार्यरत
हैं। जिले में मौजूदा समय में 100 के करीब जेबीटी के खाली पद पड़े हैं।
ऐसे में नवचयनित 337 शिक्षकों को स्कूलों में स्टेशन अलाट करने के लिए
विभाग की नजर 220 अतिथि अध्यापकों पर है। अतिथि अध्यापकों ने शिक्षा विभाग
के अधिकारियों पर अतिथि अध्यापकों के रोजगार को छीनने की साजिश रचने का
आरोप लगाया। इसके बाद अतिथि अध्यापकों ने उपायुक्त को सीएम के नाम अपनी
मांगों का ज्ञापन भी सौंपा। अतिथि अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष सुनील सैनी
राजेंद्र गढ़ी रोड़ान ने कहा कि प्रदेश के शिक्षामंत्री रने कुछ दिनों पहले
ही भरोसा दिलाया था कि जेबीटी की नियुक्ति के दौरान किसी भी अतिथि अध्यापक
को नहीं हटाया जाएगा, लेकिन शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के बयान
बताता है कि अधिकारियों सरकार के मंत्री के बीच तालमेल की कमी है।
जेबीटी को नहीं मिले स्टेशन
जिलेभरके
नवचयनित 337 जेबीटी को फिलहाल स्कूलों में स्टेशन अलाट नहीं हो पाए हैं।
सभी नवचयनित जेबीटी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में ही हाजिरी लगा
रहे हैं।
मामले की जानकारी नहीं है
जिलाशिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने
कहा कि अतिथि अध्यापकों को हटाकर नवचयनित जेबीटी को नियुक्ति देने का
मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बारे में जिला मौलिक
शिक्षा अधिकारी ही बता पाएंगी।
अतिथि अध्यापकों को नियमित करे सरकार
हरियाणाअतिथि
अध्यापक संघ के प्रदेश प्रवक्ता राजेश शर्मा मिंहा सिंह रंगा ने शिक्षा
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास पर अपनी ही जुबान से पीछे हटने का
आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले शिक्षा अधिकारी ने कहा था कि
शिक्षा विभाग में जेबीटी अध्यापकों के 16 हजार पद रिक्त हैं। जिस कारण
अतिथि अध्यापकों को कोई खतरा नहीं है, लेकिन अब शिक्षा अधिकारी अतिथि
अध्यापकों को हटाने की बात कह रहे हैं।
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